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स्वास्थ्य और शिक्षा को बेहतर कर छोटे बच्चों का भविष्य संवार रही आंगनबाड़ी

जिले की अब तक 157 आंगनबाड़ियों के लिए 7 करोड़ 84 लाख 68 हजार रूपये की दी गई स्वीकृति

धमतरी / कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर जिले में संचालित आंगनबाड़ियों को और अधिक बेहतर व सुंदर बनाकर बच्चों एवं गर्भवती माताओं को सुव्यवस्थित सेवायें प्रदान की जा रही है। आंगनबाड़ी केन्द्र द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रमुख सेवाओं में अनुपूरक आहार, टीकाकरण स्वास्थ्य, जांच और पोषण शिक्षा इसके अलावा तीन से छः वर्ष की आयु के बच्चों के लिए विद्यालय पूर्व शिक्षा शामिल है। गर्भवती माता और बच्चों की देखभाल का केन्द्र है आंगनबाड़ी। इसके जरिये बच्चों में होने वाले कुपोषण जैसी समस्याओं से लड़ने के लिए राज्य शासन द्वारा इन केन्द्रांे को संचालित किया जा रहा हैै, जिसका प्रतिफल अब दिखाई देने लगा है। प्रदेश में कुपोषण की दर में निरंतर गिरावट देखने को मिल रही है। बाल्यावस्था की विभिन्न अवस्थाओं पर बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। आंगनबाड़ी केन्द्र में विशेष रूप से निर्धन और निम्न आय वर्ग के परिवार के बच्चे प्रारंभिक पढ़ाई करते हैं। शिशुओं के प्रसव पूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थ्य, बाल पोषण विद्यालय, शिक्षा तथा बच्चों के टीकाकरण आंगनबाड़ी कंेन्द्र में सुविधानुसार की जाती है। आंगनबाड़ी केन्द्र का मतलब है, बाल विकास और वृद्धि में सहायता प्रदान करना।

जिले की सभी ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के माध्यम से आंगनबाड़ी भवन का निर्माण किया गया है। इन केन्द्रों की दीवारों को आकर्षक रंगों से रंगकर चित्रकारी की गई, जो कि छोटे बच्चों को सम्मोहित करती है। वहीं बच्चों के सुनहरे भविष्य को बुनते भी हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एक ऐसी योजना है, जहां अधोसंरचना के कार्य से लेकर भविष्य निर्माण को गति दी जाती है। जिले में कई ऐसे आंगनबाड़़ी थे, जो वर्षों से जर्जर अवस्था में थी। पालकों के मन में हमेशा डर बना रहता था, कि हमारे बच्चों का भविष्य क्या होगा। ग्रामीणों की मांग पर जिला कार्यालय द्वारा संबंधित ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी भवन का मुआयना किया गया। तकनीकी प्राक्कलन हेतु जनपद पंचायत को निर्देशित किया गया।


मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रोक्तिमा यादव ने बताया कि उन्होंने बताया कि जिले में वित्तीय वर्ष 2014-15 से अब तक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कुल 157 आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए राशि 7 करोड़ 84 लाख 68 हजार रूपये की स्वीकृति दी गई ताकि छोटे बच्चों का भविष्य संवर सके। अब यहां नौनिहाल बच्चे बड़े उत्साह के साथ अ आ इ ई के साथ भविष्य के सुनहरे सपने बुन रहे हैं। आंगनबाड़ी भवन का यह आधारशिला मनरेगा योजना के कारण ही संभव हो पाया है। ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार तो मिला आर्थिक स्थिति में भी सुदृढ़ता आयी। आंगनबाड़ी भवन बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही है। मनरेगा न केवल श्रमिकों को रोजगार दे रही है बल्कि पंचायतों में परिसंपत्ति निर्माण के साथ बच्चों के सुनहरे भविष्य को गढ़ने का काम भी कर रही है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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