8 दिवसीय मेडिटेशन कैम्प का हुआ समापन सैंकड़ो लोगो ने लिया लाभ

नगरी में चातुर्मास के लिये आचार्य श्री विजयराज जी म .सा. के आज्ञानुवर्ती विराजित महासती श्री वैभव श्री जी आदि ठाणा तीन की प्रेरणा से सर्व समाज हेतु 8 से 15 सितम्बर तक मेडिटेशन केम्प का आयोजन कृषि उपज मंडी के प्रांगण में आज केम्प का अंतिम दिन लगभग 450 भाई बहनों ने इसमें भाग लिया.म सा ने ध्यान की आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए बताया कि आज से 25 वर्ष पूर्व मोबाइल नही था तो हमारे पास समय ही समय था यही समय 10 मिनिट आपको ध्यान साधना के लिए निकालना है। आज्ञा चक्र को व्यवस्थित करते हुए ध्यान साधना में हीलिंग कराई गई। आज्ञा चक्र सरसता से भरते हुए बताया गया कि हमारे 6 चक्रों को यही चक्र आदेश देता है।हम गहरी निद्रा में हो तो जब हमने आज्ञा चक्र को आर्डर दिया हो हम उठ जाते है । हम कोमा में भी चले जाएं तो भी आपका आज्ञा चक्र आपके किडनी लीवर हार्ट और शरीर के अंगों को सुचारू रूप से संचालित करता है. सात फेरे शादी के याद है यह आज्ञा चक्र के साथ हमारे शरीर के 7 चक्रों के फेरे है हमारे प्राण शरीर में रहे ऊर्जा शरीर को शक्ति प्रदान करते है।पुराने ऋषि महाऋषि व भगवान को हम देखते है मस्तिष्क के दोनों आंख के बीच आज्ञा चक्र स्थित है जिससे वे अपने तेज प्रकाश पुंज निकालते थे शिव जी का तीसरा नेत्र है यही आज्ञा च्रक है ।म सा ने केम्प के समापन पर सबको साधुवाद दिया बताया कि आचार्य श्री की कृपादृष्टि से केम्प के समय वर्षा आड़े नही आई। शान्त क्रांति के अध्यक्ष मनोज छाजेड़ ने 9उपवास व दीर्घ तपस्या प्रियंका गोलछा धर्मपत्नी प्रिंस गोलछा के चल रहे है इस मेडीटेशन केम्प के फीडबैक लिये गए जिसका पठन अजय छाजेड़ ने किया कल ओसवाल भवन में सुबह 8.30 बजे से आज्ञा चक्र में स्थितअक्षरों के महत्व बताए जाएंगे और जो ध्यान साधना खाली पेट न कर पाए या कोई स्थान पर दर्द हो तो कल किस चक्र योग की साधना कि जानी कि चाहिए इस पर प्रवचन होंगे।आज सभा का संचालन अनिल छाजेड़ ने किया।