बगावत व भीतरघात से बचने के संकल्प के पालन से ही कांग्रेस विस चुनाव में होगी मजबूत
गत विस चुनाव में इन्ही कारणों से कांग्रेस को धमतरी व कुरुद में करना पड़ा था हार का सामना
धमतरी/कुरुद । विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसे में अघोषित रुप से कांग्रेस से कई दावेदार सामने आ रहे है। बता दे कि धमतरी और कुरुद विधानसभा में 2018 के चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था। इसका मुख्य कारण कांग्रेस के ही बागियों को माना जाता है। ऐसे में संकल्प शिविर का औचित्य तभी रह पायेगा जब संकल्प शिविर में पार्टी के प्रति हर हाल में निष्ठा के सकंल्प का पालन हो। कुरुद विधानसभा में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी लक्ष्मीकांता साहू तीसरे नंबर पर रही थी और कांग्रेस के बागी नीलम चंद्राकर दूसरे स्थान पर रहे। धमतरी विधानसभा में आनंद पवार के कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लडऩे के कारण कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी गुरुमुख सिंह होरा चुनाव हार गए थे और भाजपा की रंजना साहू मामूली अंतर से विधायक बन गई। कहते हैं नीलम चंद्राकर और आनंद पवार के साथ अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ काम करने वाले दूसरे लोग धमतरी-कुरुद से दावेदारी कर सकते है। 18 अगस्त को धमतरी में कांग्रेस का संकल्प शिविर है। पिछले दफा भी कांग्रेस के उम्मीदवार को जिताने की शपथ ली गई थी, लेकिन टिकट की घोषणा के साथ ही समीकरण बदल गए।
आमतौर पर कुरुद में भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला रहता है और एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा की जीत का इतिहास रहा है , लेकिन 2018 में त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा के अजय चंद्राकर 2013 के बाद 2018 में जीत दर्ज की। भाजपा के अजय चंद्रकार को 72,922 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के बागी नीलम चंद्रकार को 60,605 और कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी लक्ष्मीकांता साहू को 26,483 वोट मिले। लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने नीलम चंद्रकार को पार्टी में वापस ले लिया। अभी नीलम चंद्रकार कुरुद कृषि मंडी अध्यक्ष हैं। लगभग 67 फीसदी साहू वोटर वाले कुरूद विधानसभा में कांग्रेस चुनावी दांव खेलते हुए साहू समाज से ही युवा और महिला प्रत्याशी लक्ष्मीकांता साहू को मैदान में उतारा था, लेकिन नीलम चंद्रकार कांग्रेस से ज्यादा वोट ले गए।
वहीं धमतरी विधानसभा की बात करे तो 2018 में भाजपा की रंजना डीपेन्द्र साहू को 63198 और कांग्रेस के गुरुमुख सिंह होरा को 62734 वोट मिले। कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लडऩे वाले आनंद पवार 29163 वोट ले गए। लोकसभा चुनाव के कुछ पहले आनंद पवार भी कांग्रेस में आ गए। चुनाव हारने के बाद भी पिछले पांच साल से गुरुमुख सिंह होरा धमतरी विधानसभा में सक्रिय हैं और टिकट के प्रमुख दावेदार हो सकते है। धमतरी विस में कांग्रेस से दावेदारों की होड़ लग सकती है। कांग्रेस का टिकट तो किसी एक मिलेगी, ऐसे में बाकी दावेदार क्या करते हैं यह देखना होगा?
2018 की पुनरावृति होती है या संकल्प शिविर से कोई हल निकलेगा ?
कल जिले के तीनो विधानसभा में कांग्रेस द्वारा संकल्प शिविर का आयोजन किया जायेगा। जिसमें मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। पिछले चुनाव को रिकार्ड को देखते हुए यह संकल्प शिविर काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि ऐसे संकल्प शिविर के आयोजन का महत्व नहीं रह जाता जब आलाकमान के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पार्टी के ही नेता बगावत व भीतरघात पर उतर आते है। वर्तमान में भी यह चर्चा आम है कि कल होने वाले संकल्प शिविर में क्या कांग्रेस नेताओं को जीत के साथ ही बगावत व भीतरघात नहीं करने का संकल्प दिलाया जायेगा और यदि संकल्प दिलाया जाये तो क्यो कड़ाई से इसका पालन कराया जायेगा। यह अत्यंत आवश्यक है क्योंकि गत चुनाव में धमतरी व कुरुद विधानसभा में कांग्रेस को भारी नुकसान अपनो ने ही किया था। इस प्रकार न सिर्फ कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा बल्कि प्रदेश में दो विधानसभा कांग्रेस के हाथ से निकल गई। वहीं यह भी चर्चा है कि बागी के साथ ही पार्टी में रहकर भीतर ही भीतर बागियों का साथ देने वाले कुछ नेता दावेदार के रुप में टिकट की मांग कर सकते है क्या ऐसे भीतरघातियों की टिकट की मांग जायज है और क्या पार्टी पर इन पर भरोसा कर सकती है?
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