बांधो में मत्स्याखेट का ठेका निजी हाथो में देकर भूपेश सरकार मार रही है गरीब मछुआरों का हक़-रामू रोहरा
भाजपा प्रदेश मंत्री ने कहा भूपेश सरकार का गरीब विरोधी चेहरा हुआ पुनः उजागर
धमतरी. मछुआरों के हाथो से मछली मारने का काम छीन कर भूपेश सरकार ने निजी हाथो में दे दिया है जिससे मछुआरों के सामने रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है ऐसे में स्पष्ट है कि भूपेश सरकार गरीबो के खिलाफ है.उक्त बातें भाजपा प्रदेश मंत्री रामू रोहरा ने कही.श्री रोहरा ने आगे कहा कि धमतरी जिले ने चार बाँध है जंहा मत्स्याखेट का ठेका मछुआरों से छिना जाना पूरी तरह गलत है.जब से मछुआ समितियों से छीनकर गंगरेल, मुरूमसिल्ली और दुधावा बांध को ठेके पर दिया है, तब से बांधों में मत्स्याखेट पर आश्रित मछुआरों की दयनीय स्थिति हो गई है.उनके समक्ष गुजर बसर की समस्या आ गई है। स्थानीय लोगों द्वारा ठेका निरस्त करने की मांग की जा रही है लेकिन भूपेश सरकार के कानो में जू तक नहीं रेंग रही है.मछुआरे ठेका प्रथा को निरस्त करने की लगातार मांग कर रहे हैं ताकि वापस मछुआ समितियों के जरिए मत्स्याखेट पहले की तरह हो सके.रामू रोहरा ने आगे कहा कि धमतरी जिले में महानदी जलाशय परियोजना के तहत चार बड़े बांध है। इसमें सबसे बड़े गंगरेल बांध में सालों से मछुआ समितियों के जरिए मत्स्याखेट का काम चलता रहा है दुधावा और माड़मसिल्ली बांध में भी बांध के नजदीक रहने वाले स्थानीय लोगों की मछुआ समिति से मत्स्याखेट कराते थे। इस तरह अकेले गंगरेल बांध में मत्स्याखेट करने वाले समितियों द्वारा सालाना राज्य सरकार को लाखो रुपए का राजस्व देते थे. मछुआरों को आज रोजी-रोटी के लाले पड़े गए है ठेका पद्धति के बाद मछुआरों की खुशियां छीन गई है.रामू रोहरा ने आगे कहा कि मत्स्याखेट कर हजारों परिवारों का भरण पोषण होता था। डूबान क्षेत्र में खेती-बाड़ी का काम भगवान भरोसे है मत्स्याखेट ही उनके जीवन का आधार हैं। जब से गंगरेल बांध को निजी हाथों में सौंपा गया है, जिससे मछुआरों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गई है.मछुआरों के साथ भाजपा खड़ी है और उनके हक़ की लड़ाई लड़ी जाएगी.भूपेश सरकार को आइना दिखाया जायेगा.