47 साल पुराने जिला अस्पताल में 300 बेड तक विस्तार की है आवश्यकता
धमतरी सहित आसपास के जिलों व बस्तर क्षेत्र के मरीज भी पहुंचते है बेहतर उपचार की उम्मीद में
जिला अस्पताल में सिटी स्केन, डायलिसिस, जेनेरिक दवा, सोनोग्राफी, बेहतर चिकित्सक जैसी सुविधाओं के विस्तार से बढ़ी मरीजों की संख्या
धमतरी। जिला अस्पताल धमतरी में समय के साथ सुविधाओं का विस्तार भी हो रहा है। जिससे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में कई बार स्थिति ऐसी आ जाती है कि मरीजों को भर्ती करने अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो पाता इसलिए मरीजों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए जिला अस्पताल में बेड बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। ज्ञात हो कि जिला अस्पताल में 200 बेड है अतिरिक्त वार्डो के 30 अन्य बेड मिलाकर जिला अस्पताल में कुल 230 बेड उपलब्ध हो जाते है। लेकिन जिला अस्पताल की ओपीडी रोजाना लगभग 500 के आसपास होती है इनमें कई मरीजों को रोजाना अस्पताल में एडमिट करने की नौबत आती है। जबकि कई अपातकालीन मरीज भी जिला अस्पताल में रोजाना पहुंचते है। जिन्हें भर्ती कर उपचार किया जाता है। ऐसे में कई बार स्थिति ऐसी भी हो जाती है कि मरीजों को भर्ती करने की जगह नहीं रहती है। ऐसे में आपातकालीन गंभीर मरीजों को प्राथमिकता दी जाती है। यदि जिला अस्पताल में बेड का विस्तार करते हुए 300 किया जाये तो काफी हद तक मरीजों को राहत मिलेगी। बता दे कि जिला अस्पताल में धमतरी जिले के अतिरिक्त बालोद, दुर्ग, कांकेर, गरियाबंद जिले से भी मरीज पहुंचे है। इससे मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। 14 फरवरी 1976 को को धमतरी तहसील में सरकारी अस्पताल की शुरुवात हुई थी। जिला बनने के बाद अस्पताल को जिला अस्पताल में अपग्रेड किया गया। आज उक्त अस्पताल को 47 साल हो चुके है। समय के साथ अस्पताल में सुविधाओं और सेटअप का विस्तार भी हुआ। अब बेड और नये भवन की आवश्यकता महसूस हो रही है।जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढऩे का प्रमुख कारण अस्पताल में नई सुविधाएं व बेहतर चिकित्सक है। जिला अस्पताल में पिछले कुछ समय से सिटी स्केन, सोनोग्राफी, डायलिसिस की सुविधा शुरु हुई है। इसके अतिरिक्त जेनेरिक दवा वरिष्ठ जनो को लिए पूर्णत: नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था व निजी अस्पताल में भारी भरकम इलाज के खर्च के चलते जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
ट्रामा युनिट और मेडिकल कॉलेज की जरुरत
जिला अस्पताल में बच्चों के लिए एसएनसीयू की स्थापना हो चुकी है। लेकिन आईसीयू की कमी है। वहीं ट्रामा युनिट की आवश्यकता खल रही है। बता दे कि धमतरी नेशनल हाईवे के किनारे बसा हुआ है। आये दिन गंभीर सडक दुर्घटना होती रहती है। जिसमें कई बार तत्काल ट्रामा युनिट की कमी के चलते शुरुवाती बेहतर उपचार नहीं मिल पाता जिससे घायलों की मौत भी हो जाती है। वहीं जिले में मेडिकल कालेज स्थापना की मांग सालों से की जा रही है। लेकिन आज तक उक्त सुविधाओं की सौगात नहीं मिल पाई है।