डेयरियो को शहर के बाहर करने की योजना खटाई में डेयरी संचालक नहीं दिख रहे रुचि
दो बार हो चुका है टेंडर जारी, सोरम में 59 प्लाट के लिए अब तक मिले मात्र 4 आवेदन
शहर के भीतर डेयरियो से गंदगी, कचरे व मल-मूत्र मवेशियों के जमघट से होती है परेशानी
धमतरी। शहर के भीतर सालों से दर्जनों डेयरियां संचालित हो रही हैं जिनकी गदंगी कचरा या तो नालियों में बहाया जाता है या फिर सड़कों पर बिखरता है मवेशी भी सड़क पर विचरण करते रहते हैं ऐसे में सालों से शहर के भीतर मवेशियों के डेयरियों को शहर से बाहर शिफ्ट करने की मांग हो रही है लेकिन आज तक यह मांग पूरी नहीं हो पाई।
निगम प्रशासन द्वारा इस बार जगह चिन्हाकित कर कार्य योजना बनाकर डेयरियो को शहर से बाहर करने का प्रयास कर रही है लेकिन इसमें भी सफलता नहीं मिल पा रही हैं. गोकुल नगर के नाम पर डेयरियो को शहर के बाहर ग्राम सोरम में निगम द्वारा 59 प्लाट की व्यवस्था की गई है जिनके लिए टेंडर जारी कर डेयरिया संचालकों से आवेदन मंगाए गए। पहले टेंडर सफल नहीं होने के बाद दूसरी बार टेंडर बुलाया गया लेकिन मात्र चार डेयरी संचालकों ने जमीन के लिए आवेदन किया जिससे यह प्रक्रिया लटक गई।
बता दे की डेयरी संचालको की मांग पर निगम प्रशासन ने प्लाट का दर आधा कर गोकुल नगर में बिजली, पानी सहित बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है इसके बाद भी गोकुल नगर बसाने में डेयरी संचालक रुचि नहीं ले रहे हैं डेयरी संचालकों का कहना है कि पूर्व में 10 रु. प्रति फीट के हिसाब से जमीन उपलब्ध करवाया गया था अब इसकी दर में काफी वृद्धि का दी गई है. वर्तमान में डेयरी व्यवसाय संकट के दौर में गुजर रहे हैं मवेशी पालन उनके चारा पानी, उपचार रखरखाव आदि की व्यवस्था में ही काफी वक्त और पैसा निकल जाता है ऐसे में गोकुल नगर बसाया जाए लेकिन पहली वहां पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराया जाए, डेयरी संचालकों की मांगों को पूरा कर समस्याओं को दूर किया जाए।
ज्ञात हो कि शहर से डेयरियो को बाहर शिफ्ट करना अत्यंत आवश्यक हो चुका है शहर के 10 से 12 वार्ड इससे ज्यादा प्रभावित हैं यहां नालियों में हमेशा गोबर कचरा जाम रहता है गंदगी और बदबू से वार्डवासी परेशान रहते हैं वही मवेशियों को खुला छोड़ देने के कारण वह यहां वहां विचरण करते रहते हैं सड़क के बीच बैठे रहते हैं जिससे यातायात प्रभावित होता है दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।