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विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने औद्योगिक क्षेत्र में निवेश की है आवश्यकता

वन, पानी, बिजली, श्रम आदि सुविधाएं होने के बाद भी औद्योगिक क्षेत्र में अब तक पिछड़ा रहा है जिला

धमतरी। धमतरी जिले में अपार संभावनाएं हैं लेकिन विकास और रोजगार के अवसर के मामले में जिला अब तक पिछड़ा हुआ है ऐसे में स्थानीय लोगों का जीवन स्तर में सुधार नहीं हो पा रहा है कई बार उन्हें बेहतर आय और रोजगार की तलाश में प्रदेश व देश के अन्य हिस्सों में भी भटकना पड़ता है। ज्ञात हो कि धमतरी 6 जुलाई 1998 को रायपुर जिले से अलग हो नए स्वतंत्र जिले के रूप में अस्तित्व में आया। इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि धमतरी का विकास तेजी से होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया धमतरी के कई साल बाद जिला बनने वाले कई जिले धमतरी को विकास में आज पीछे छोड़ रहे हैं। अन्य क्षेत्रों में तो विकास ने धीमी ही सही लेकिन रफ्तार पकड़ी लेकिन उद्योग एवं औद्योगिक क्षेत्र की बात की जाए तो इस मामले में जिला सर्वथा पिछड़ा हुआ है । जिले में उद्योग के नाम पर सिर्फ राइस मील हैं यहां 200 से अधिक राइस मील हैं विडम्बना है कि राइस मील भी साल भर नहीं चल पाती है। साल में कई महीने ज्यादातर मिलो में काम बंद रहता है यहां श्रम कानून का ठीक से पालन नहीं होता और न ही मजदूर वह अन्य कामगार बेहतर इनकम अर्जित कर पाते हैं। धमतरी जिले में पर्याप्त सुविधाएं हैं जिला वनों से अच्छादित है यहां वनोपज का भंडार हैं चार बांध हैं जिससे पानी के किल्लत उद्योगों को नहीं होगी. सड़क सुविधा राजधानी और बस्तर से सीधे जुड़ी हुई है। अब ब्रॉडगेज का काम भी शुरू हो चुका है आने वाले कुछ सालों में बड़ी रेल लाइन धमतरी तक पहुंचेगी इससे उद्योगों के लिए माल का आयात निर्यात आसान और सस्ता होगा यहां बिजली की पर्याप्त उपलब्धता रहती है । शहरी क्षेत्र में कटौती नहीं होती श्रमिकों की बहुत अधिक संख्या है इसलिए मेंन पावर की कमी नहीं होगी. शहर के आसपास उद्योगों के लिए पर्याप्त शासकीय व निजी भूमि है। सभी सुविधाएं तो हैं लेकिन कमी तो है मजबूत राजनीति इच्छाशक्ति की और यदि यह मिल जाए तो निवेशको को आकर्षित किया जा सकता है. यदि उद्योग स्थापित होंगे तो व्यापार का आदर्श माहौल बनेगा जिससे अन्य कंपनियों व निवेशक आकर्षित होंगे उनका भरोसा बढ़ेगा विकास और रोजगार के अवसर बढ़ेगें।


खलती रही मजबूत नेतृत्व की कमी
इस संबंध में लोगों की माने तो धमतरी में सभी संसाधन सुविधा होने के बाद भी राजनीतिक कमजोरी के कारण विकास पिछड़ा हुआ है यहां उद्योग के नाम पर सिर्फ राइस मील हैं जबकि आसपास के जिलों में कई खाद्य पदार्थों के फैक्ट्री कारखाने स्टील प्लास्टिक उत्पादन के उद्योग पावर प्लांट स्टील प्लांट व अन्य कई तरह के प्लांट लगे हैं. धमतरी के नेता व जनप्रतिनिधि कमजोर ही साबित हुए हैं। दशको पहले कृपाराम साहू धमतरी से मंत्री बने थे लेकिन उनके कार्यकाल का धमतरी विधानसभा का कोई विशेष उपलब्धि नहीं मिली। वहीं कुरूद विधानसभा से अजय चंद्राकर 10 सालों तक राज्य में मंत्री रहे लेकिन उनका विकास कुरूद तक ही सीमित रह गया इसलिए मजबूत राजनीतिक नेतृत्व की कमी धमतरी की जनता को खलती रही है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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