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नसबंदी के लिए पुरुषो में है जागरुकता की कमी, विभिन्न भ्रांतियों के है शिकार

नसबंदी से पुरुषो को नही होता नुकसान, सरकार द्वारा प्रदान की जाती है प्रोत्साहन राशि

धमतरी. लगातार बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने जनसंख्या नियंत्रण अत्यंत आवश्यक है। इसमें सबसे कारगर उपाय नसबंदी है। जिससे सुरक्षित तरीके से जनसंख्या नियंत्रण किया जा सकता है। नसबंदी महिला या पुरुष कोई भी करा सकता है। लेकिन ज्यादातर महिलायें ही नसबंदी कराती है। पुरुषो में नसबंदी को लेकर आज भी जागरुकता की कमी है। विभिन्न भ्रांतियों को सच मानकर पुरुष नसबंदी कराने से डरते है। सरकार द्वारा भी नसबंदी कराने प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाती है। लेकिन इसका असर पुरुष नसबंदी पर नहीं पड़ रहा है। ज्ञात हो कि एक अनुमान के अनुसार देश की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ से पार हो चुकी है। हम अब जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़ कर दुनिया में नंबर वन बन चुके है। लगातार बढ़ती आबादी देश की अर्थव्यवस्था और संसाधनों के लिए ठीक नहीं है। इसलिए सरकार द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के कई प्रयास करती रही है। इसके तहत प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों में महिला व पुरुष नसबंदी की सुविधा प्रदान की गई है। अस्पतालों में महिलाओं द्वारा तो नसबंदी कराया जाता है। लेकिन पुरुष नसबंदी में काफी पीछे है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को नसबंदी के प्रति जागरुक करने जनसंख्या स्थरीकरण पखवाड़ा 27 जून से 24 जुलाई तक चलाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार, अप्रैल माह में 108 महिला, 1 पुरुष, मई माह में 96 महिला 2 पुरुष, जून माह में 55 महिला, 1 पुरुष जुलाई माह में 35 महिला, 2 पुरुषो ने नसबंदी कराया है। उक्त आकड़ों से स्पष्ट है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष नसबंदी में कितने पीछे है। बता दे कि सरकार द्वारा नसबंदी को बढ़ावा देने महिला नसबंदी पर 2000 रुपये, प्रसव उपरांत नसबंदी पर 3000 रुपये और पुरुष नसबंदी पर 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि सीधे खाते में ट्रांसफर करती है। डाक्टरों के अनुसार पुरुषो में यह भ्रांतियां फैली है कि नसबंदी कराने से उनके वैवाहिक जीवन व सेक्स लाईफ पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। पौरुष और शारीरिक ताकत में कमी आती है। जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। नसबंदी पूरी तरह सुरक्षित है। बल्कि महिलाओं की तुलना में पुरुष नसबंदी को सुरक्षित माना जाता है। ऐसे में पुरुषो को जागरुक करने जनसंख्या नियंत्रण हेतु नसबंदी की भ्रांतियां को दूर करना आवश्यक है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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