गंगरेल सहित जिले के सभी बांधों में नहीं है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम सीसीटीवी कैमरे है जरूरी
सुरक्षा की हो रही अनदेखी उमड़ती है हजारों सैलानियों के भीड़
सालाना लाखों के होते हैं खर्च पर सुरक्षा पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
धमतरी। गंगरेल सहित जिले में स्थित अन्य बांधों में हजारों सैलानी पहुंचते हैं बावजूद इसके बांध की सुरक्षा पर पुख्ता इंतजाम नहीं किया जा रहा है ऐसे में हमेशा ही सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है कम से कम बांध क्षेत्र में पर्याप्त सुरक्षा गार्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए ताकि बांध क्षेत्र 24 घंटे तीसरी आंख से निगरानी हो सके। उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले को प्रकृति ने बहुत कुछ दिया है नदी पहाड़ हरियाली भरपूर है महानदी पर गंगरेल बांध बनाया गया है बांध की जल संग्रहण क्षमता 32.150 टीएमसी है जोकि प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा बांध है बांध से लाखों हेक्टेयर फसल की हर साल सिंचाई होती है बांध के पानी पर रवि फसल भी आश्रित होती है बांध क्षेत्र की खूबसूरती आकर्षक है यहां पर्यटन सुविधाओं का विस्तार भी समय के साथ किया गया है जिससे बांध में सैर सपाटे पिकनिक मनाने सैलानियों का सैलाब उमड़ता है पर्यटन के नक्शे पर गंगरेल बांध प्रदेश का प्रमुख क्षेत्र है महानदी परियोजना व गंगरेल बांध को लाइफ लाइन भी कहा जाता है इसी प्रकार सोढुर बांध, दुधावा बांध, माडमसिल्ली बांध भी जिले में स्थित है यहां के नजारे भी मनमोहक होते हैं यहां भी एंजॉय करने सुकून के पल बिताने बड़ी संख्या में लोग परिवार सहित पहुंचते हैं इसलिए जिले के चारों बांधों में सुरक्षा पुख्ता होना अत्यंत आवश्यक है लेकिन इस ओर विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पर्याप्त सुरक्षा गार्ड और सीसीटीवी कैमरा आवश्यक है कुछ साल पहले गंगरेल बांध क्षेत्र में कुछ सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. लेकिन उनके खराब होने के बाद मरम्मत नहीं हो पाई। और नये कैमरे लगाने विभाग के पास फंड नहीं या हालांकि विभाग द्वारा कैमरे के लिए फंड की मांग पहले की जा चुकी है। लेकिन स्वीकृति नहीं मिल पाई थी। ऐसे में हमेशा बांध क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों का डर बना रहता है। चूंकि धमतरी जिला नक्सल प्रभावित क्षेत्र है। व पड़ोसी जिला व राज्य में भी नक्सल गतिविधियां रहती है। ऐसे में बांधो की सुरक्षा पर सवाल उठते रहते है। वहीं बांध क्षेत्र में शाम ढलने के बाद कई संदिग्ध व असामाजिक तत्व भी विचरण करते रहते है। शराब खोरी लड़कीबाजी की शिकायते भी मिलती रही है। इन पर रोक लगाने में भी कैमरे काफी मद्दगार साबित होंगे। बता दे कि गंगरेल व रुद्री बैराज में आत्महत्या की घटना सामान्य हो चुकी है। पिछले कुछ सालों में कई लोगों द्वारा व्यवस्था पुख्ता करने से आत्महत्या की घटनाओं में भी कमी आ सकती है।