ग्राम बोडऱा (संबलपुर) में 15 से 23 अक्टूबर तक श्रीमद देवी भागवत पुराण का आयोजन
एकाग्रचित होकर करना चाहिए श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण : कालेश्वर प्रसाद तिवारी
धमतरी। शारदीय नवरात्र पर्व के उपलक्ष्य में ग्राम बोडऱा (संबलपुर) में 15 से 23 अक्टूबर तक श्रीमद देवी भागवत पुराण का आयोजन सावित्री-अशोक गुप्ता, मोना-अंकित गुप्ता एवं समस्त गुप्ता परिवार द्वारा किया गया है। कथावाचक पं. कालेश्वर प्रसाद तिवारी हैं।
नवरात्र के पहले दिन 15 अक्टूबर को कलश यात्रा, देवी स्थापना, मणीकलंक कथा के साथ श्रीमद भागवत पुराण का शुभारंभ हुआ। 16 अक्टूबर को नवरात्र विधान सुखदेव जन्म कथा, 17 को कौरव पांडव का संक्षिप्त इतिहास, हयग्रीव अवतार, मधुकैटभ वध, 18 को सती चरित्र, माता प्राकट्य, 19 को शिव-पार्वती विवाह की कथा सुनाई गई। कथावाचक ने श्रीमद देवी भागवत महापुराण की कथा का वर्णन करते कहा कि अठारह पुराणों में देवी भागवत पुराण उसी प्रकार सर्वोत्तम है, जिस प्रकार नदियों में गंगा, देवों में शंकर, काव्यों में रामायण, प्रकाश स्त्रोतों में सूर्य, शीतलता और आह्लाद में चंद्रमा, कर्मशीलों में पृथ्वी, गंभीरता में सागर और मंत्रों में गायत्री आदि श्रेष्ठ हैं। यह पुराण श्रवण सब प्रकार के कष्टों का निवारण करके आत्मकल्याण करता है। भक्तों को ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि इसकी महिमा इतनी महान है। कि नियमपूर्वक एक-आध श्लोक का उच्चारण करने वाला भक्त भी भगवती की कृपा का पात्र बन जाता है। इसका श्रवण अधिक फलदायी है। इसलिए जितना भी समय मिले हमें भगवती के नाम का सिमरन करना चाहिए। इसके श्रवण करने तथा पाठ करने में समस्त प्राणियों को पुण्य प्राप्त होता है। व्यासपीठ से कथावाचक ने कहा कि सभी प्राणी जिनके भीतर स्थित हैं और जिनसे सम्पूर्ण जगत प्रकट होता है, जिन्हें परम तत्व कहा गया है, वे साक्षात स्वयं भगवती ही हैं। सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है, वे एकमात्र भगवती ही हैं।