Uncategorized

विविधता में एकता भारतीय संस्कृति की पहचान : प्रेमशंकर सिदार

आरएसएस का प्राथमिक शिक्षा वर्ग 31 दिसंबर तक


धमतरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का प्राथमिक शिक्षा वर्ग 23 दिसंबर से आमातालाब गौरवपथ रोड स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में 31 दिसंबर तक आयोजित है। इस प्रशिक्षण वर्ग में धमतरी जिले के कोने -कोने से लगभग 150 युवा स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। यहां नए स्वयंसेवक संघ की मूल विचारधारा और कार्यप्रणाली से परिचय प्राप्त कर रहे हैं। साथ ही दिनभर शारीरिक व अन्य गतिविधयों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। प्रत्येक दिवस संघ के वरिष्ठजनों का युवाओं को बौद्धिक व मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है।
प्राथमिक शिक्षा वर्ग के तृतीय दिवस मंगलवार को बौद्धिक सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक प्रेमशंकर सिदार पहुंचे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक प्राचीन व हिन्दू राष्ट्र है। दुनिया में अपना धर्मग्रंथ है जिनमें ऋग्वेद सबसे प्राचीन ग्रंथ है। यहां की संस्कृति व परंपरा प्राचीन है। विदेशी आक्रमणकारियों ने हमारी संस्कृति और परंपरा को नष्ट करने की कोशिश की जिसमें वे सफल नहीं हो पाए। अंग्रेजी शासन ने फूट डालाे और राज करो की नीति अपनाई लेकिन भारत की एकता बनी रही। देश की मूल संस्कृति में झांकेंगे तो यही मिलेगा कि लोग अपनी संस्कृति और परंपरा में कायम है। मूल संस्कार भारत का एक ही है। भारतीय अपने अतिथि को भगवान मानते हैं। अतिथि आने पर भारतीय अपना पुण्योदय मानते हैं। भारत की परिवार व्यवस्था विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। घर की परिवार व्यवस्था समाज का लघु रूप है। भारत का गांव जाति से नहीं रिश्तों से चलता है। गांवों में बड़े बुजुर्गों को आदर्शसूचक संबोधन दिया जाता है। यहां सम्मान देने की परंपरा प्राचीन है।
श्री सिदार ने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हिन्दुत्व पर आधारित देश है। हमने किसी पर अत्याचार या आक्रमण नहीं किया। सबको स्वीकार किया है। यही हमारी संस्कृति का मूल आधार है। यही कारण भारत विश्व में सर्वोपरि है। भारत भूमि देवी देवताओं द्वारा निर्मित देश है। हमें गर्व होना चाहिए कि हमने भारत भूमि पर जन्म लिया है। इस देश को वैभव के उच्च शिखर पर ले जाने हम सभी राष्ट्रहित में कार्य करें।
सशिमं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जारी संघ के प्राथमिक प्रशिक्षण वर्ग में शुक्रवार को सुबह 4 बजे से प्रशिक्षणार्थी उठ गए थे। सुबह उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर स्कूल के मैदान में संपत्त हुए। इसके बाद 150 छात्रों को अलग -अलग गुट में बांटकर उन्हें योग, प्राणायाम, आसन, दण्ड चालन और खेल खिलाए गए। 4 से 5 घंटे शारीरिक अभ्यास और प्रार्थना पश्चात छात्र प्रशिक्षणार्थियों काे अल्पाहार दिया गया। इसके बाद सभी अपने -अपने कक्ष में चले गए और स्नान ध्यान में व्यस्त हो गए। तत्पश्चात दिन भर उनका प्रशिक्षण वर्ग चलता रहा।

नगर के स्वयंसेवकों के घरों से लाए गए टिफिन से प्रशिक्षणार्थियों छात्रों ने भोजन खाया

प्राथमिक प्रशिक्षण वर्ग में शुक्रवार की रात्रि प्रशिक्षणार्थियों के लिए भोजन नहीं बना। तय नियम के अनुसार धमतरी नगर के सभी पुराने स्वयंसेवकों से आग्रह किया गया था कि अपने अपने घरों से दो लोगों के लिए भोजन बनाकर लाएं। इस तरह नगर के वरिष्ठ स्वयंसेवक अपने घरों से दाल-चावल, रोटी व सब्जी बनाकर प्रशिक्षण स्थल पहुंचे। प्रशिक्षणार्थियों को समूह में बिठाकर नगर के स्वयंसेवकों के घरों से लाया गया भोजन खिलाया गया। इस विषय पर वर्ग के वरिष्ठजनों का कहना है कि इसका एकमात्र उद्देश्य समाज में समरसता और प्रेम की भावना फैलानी है ताकि प्रत्येक हिन्दू सनातनी जाति , धर्म के बंधन को छोड़कर एक दूसरे को मां भारती के पुत्र व बंधु भाव से एक परिवार का मानें।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!