महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना बना लोगों के अतिरिक्त आय का जरिया
सरिता ने साग-भाजी उत्पादन तो रूपेश्वर ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में कार्य कर आर्थिक स्थिति की सुदृढ़
धमतरी/ विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत मोदी के गारंटी वाली गाड़ी के जरिये जनकल्याणकारी योजनाओं से पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा हे। इन्हीं हितग्राहियों में हैं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत लाभान्वित मगरलोड विकासखण्ड के ग्राम कपालफोड़ी की सरिता और कुरूद विकासखण्ड के थुहा के रूपेश्वर। अपन कहानी सुनाते हुये 35 वर्षीय सरिता साहू बतातीं हैं कि पे महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत 5 एकड़ भूमि पर वृक्षारोपण देखरेख का कार्य करतीं हैं। साथ ही सरिता ने उक्त भूमि के चारों ओर फलदार पौधे लगाये और बीच-बीच में सब्जी, भाजी, मूली, बैंगन, टमाटर भी लगायी। इससे उनके जीवन में आर्थिक समृद्धि तो आयी ही है और परिवार भी खुशहाल है। अतिरिक्त आमदनी से सरिता बच्चों की पढाई और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति करतीं हैं।
वहीं कुरूद के ग्राम थुहा के रूपेश्वर साहू बताते हैं कि मनरेगा के तहत उन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन में विविध कार्य जैसे शेड निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट, शौचालय निर्माण, फेंसिंग आदि 100 दिन का कार्य किया। खेती-किसानी के बाद खाली समय में मनरेगा के तहत मिले 100 दिनों के कार्य को कर रूपेश्वर काफी प्रसन्न हैं। उन्होंने मनरेगा से मिले राशि से बड़ी बेटी के पायल और बेटे के लिये सायकल खरीदा। रूपेश्वर कहते हैं कि मनरेगा ने उनके परिवार की तस्वीर बदल दी है।