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नई कलेक्टर नम्रता गांधी के समक्ष है कई चुनौतियां

अवैध खनन, परिवहन, अतिक्रमण, शिक्षा, स्वास्थ्य, जर्जर सड़क, ड्रेनेज सिस्टम, पर्यटन को बढ़ावा जैसी कई मुद्दे है चुनौती

धमतरी। धमतरी जिले के 19वें कलेक्टर के रुप में सुश्री नम्रता गांधी ने चार्ज लिया है। उनके समक्ष जिले के विकास व बेहतर व्यवस्था बनाये रखने में कई चुनौतियां बाहें खोलकर खड़ी है। बता दे कि धमतरी जिले को अभी भी अन्य जिलों के तुलना में विकास के मामले में पिछड़ा हुआ माना जाता है। जिले में ऐसी कई समस्याएं है जो सालों से दूर नहीं हो पाई। कई मांगे है जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में जिले वासियों को नई कलेक्टर से बड़ी उम्मीदे है।

धमतरी जिले से होकर महानदी निकलती है इसलिए जिले में कई रेत घाटे है। इन घाटो से बड़ी मात्रा में रेत का खनन, परिवहन होता है लेकिन हमेशा चर्चा रहती है कि अधिकांश खनन-परिवहन अवैध तरीके से किया जाता है। ऐसे में जिले के इस अमूल्य संसाधन का संरक्षण जरुरी है। इसी प्रकार जिले भर में शासकीय भूमि पर अवैध तरीके से अतिक्रमण की शिकायत मिलती रहती है। अतिक्रमण के मामले में डाले गए मलबा को हटाने की कार्रवाई बस की जाती रही है। लेकिन अतिक्रमण कर्ताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई में हमेशा ही पीछे रहा है। ऐसे में अतिक्रमणकारियों पर सख्ती से रोक लगाया जा सकता है। जिले में सड़को का बुरा हाल है। मुख्य मार्गो सहित ग्रामीण क्षेत्रो के सड़के भी जर्जर है। बहुप्रतिक्षित कोलियारी, खरेंगा, दोनर मार्ग की स्वीकृति के बाद निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है। शहर हल्की बारिश में भी हर साल जल मग्न हो जाता है। बदहाल ड्रेनेज सिस्टम से जनता सालों से परेशान है। हर बार ड्रेनेज सिस्टम में सुधार के दावे किये जाते है लेकिन ड्रेनेज सिस्टम सुधरने के बजाये बिगड़ते ही जा रहा है। जिले में शिक्षा का बुरा हाल है। स्कूली शिक्षा व्यवस्था तो फिर भी ठीक है लेकिन उच्च शिक्षा के लिए जिले में विकास नहीं हो पा रहा है। ऐसे में व्यवसायिक इंजीनियरिंग, मेडिकल की पढ़ाई के लिए छात्रों को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। इसी प्रकार स्वास्थ्य व्यवस्था में सुविधाएं तो बढ़ी है लेकिन अब भी कई सुविधाओं की दरकार है। जिले में मास्टर प्लान सिर्फ नाम के लिए लागू रहता है। इसके अनुसार न योजनाएं बनती है न ही विकास कार्य होते है। बढ़ती आबादी व व्यवसाय को देखते हुए शहर सीमा के विस्तार की आवश्यकता महसूस हो रही है। लेकिन इस दिशा में भी प्रशासन सुस्त है।
पर्यटन की आपार संभावनाएं है, लेकिन नही मिल रहा बढ़ावा
धमतरी जिले में पर्यटन की आपार संभावनाएं है। धमतरी में प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े बांध गंगरेल के अतिरिक्त माडमसिल्ली, सोंढुर, दुधावा बांध भी है। गंगरेल बांध तो पर्यटन के नक्शे पर उभर चुका है लेकिन अन्य बांध गुमनामी के अंधेरे में है। यदि यहां सुविधाएं बढ़ाकर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाये तो यह बांध भी साल भर पर्यटकों से गुलजार रहेगा। नरहरा झरना जो भी तेजी से ख्याति प्राप्त कर रहा है। लेकिन यहां पर्यटन सुविधाओं की कमी है। श्रृंगी ऋषि पर्वत पौराणिक मान्यताओं के साथ महानदी उदगम स्थल है बाउजूद इसके यहां पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल रहा है। इस क्षेत्र में भी कार्य करने की आवश्यकता है।
सालों से हो रही कई मांगे लेकिन नही हो पाई पूरी
दशकों की मांग के पश्चात जिले वासियों को नेरोगेज से ब्राडगेज व बायपास मार्ग की सौंगात मिली है। लेकिन इसमें देरी हो रही है। बायपास बनकर तैयार हो चुका है छोटी वाहनों का भी आवागमन जारी है। लेकिन लाईन शिफ्टिंग के चलते बड़ी वाहनो ंका प्रवेश रुका हुआ है। इसी प्रकार बड़ी रेललाईन के कार्य में कब्जाधारियों के व्यवस्थापन की व्यवस्था न होने के चलते गति प्रभावित हो रही है। इसी प्रकार हाईटेक बस स्टैण्ड, गोकुलनगर, ट्रांसपोर्ट नगर, सुविधा युक्त खेल मैदान, इंजीनियरिंग, मेडिलक कॉलेज, ट्रामा सेंटर सहित कई मांगे अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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