ग्लाकोमा सप्ताह के तहत सिविल अस्पताल कुरुद में दी गई जानकारी
मूलचंद सिन्हा
कुरुद। सिविल अस्पताल कुरूद में कलेक्टर व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के दिशा निर्देश में जिला नोडल अधिकारी डॉ जेएस खालसा अंधत्व व डॉ राजेश सूर्यवंशी नेत्र रोग विशेषज्ञ खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ यूएस नवरत्न, मेडिकल आफिसर डॉ हेमराज देवांगन के मार्गदर्शन में विश्व ग्लाकोमा सप्ताह मनाया गया। विकासखण्ड नोडल अधिकारी अंधत्व डॉ क्षितिज साहू ने ग्लाकोमा बीमारी की जानकारी देते हुए बताया कि आँखों पर दबाव पडऩे की वजह से ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचता है। जिसकी वजह से धीरे-धीरे आँखों की रौशनी कम होने लगती है। इसी स्थिति को ग्लाकोमा व् काला मोतिया कहा जाता है। इनके लक्षण सर में दर्द, बार बार चश्मे का नम्बर बदलना, दृस्टि का दायरा सिकुडऩा आदि है। 40 वर्ष की उम्र से इस बीमारी के होने की संभावना अधिक होता है। परिवार में ग्लाकोमा होने, आँखों में चोट लगने तथा ब्लड प्रेशर वाले मरीजो की संभावना अधिक रहती है, एक बार यदि आंखों का ऑप्टिक नर्व नस सुख जाने के बाद कोई उपचार नहीं होता। अगर सही समय पर आँखों की जाँच नही करवाएंगे तो ग्लाकोमा की वजह से आँखों की रौशनी हमेसा के लिए जा सकती है। आँखों की जाँच समय समय पर कराते रहना चाहिए। सभी शासकीय हॉस्पिटल नेत्र रोग विभाग में निशुल्क जाँच सुविधा उपलब्ध है। इस अवसर पर संस्था के डॉ सरोज दीवान, डॉ.नीरजा गिडवानी, विकासखण्ड नेत्रदान अधिकारी डॉ लोमेश कुर्रे, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण टण्डन एवं समस्त स्टाफ उपस्थित थे।