टीनेज व युवाओं में तेजी से बढ़ रही है सूखे नशे की लत
नशे के कारण अब तक हो चुकी है कई मारपीट, हाफ मर्डर, मर्डर जैसे गंभीर अपराध
पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी नशेडिय़ों का आसानी से उपलब्ध हो रहा सूखा नशा
धमतरी । धमतरी जिले में पिछले कुछ सालों से नशेडिय़ों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इनमें शराब के साथ सूखे नशे के आदी ज्यादा है। सबसे ज्यादा टीनेज और युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में आ रहे है जो अपना भविष्य नशे के गर्त में धकेल रहे है।
बता दे कि 12 वर्ष से लेकर 16 वर्ष के टीनेज तेजी से नशेड़ी बनते जा रहे है। इसकी शुरुवात गुटका, बीड़ी और सिगरेट से होती है। फिर संगति और ग्रुप बाजी के चलते वे धीरे-धीरे शराब, गांजा, सिलोशन, गोलियां आदि के नशे के शौकीन बन जाते है। शुरुवात में तो यह उन्हें अच्छा लगता है लेकिन यह देर सबेर अपराध का कारण बन जाता है। बता दे कि जिला पुलिस द्वारा लगातार नशे के अवैध कारोबार पर कार्रवाई की जा रही है। लगातार अवैध शराब, गांजा तस्करी, बिक्री, नशीली गोलियों की बिक्री आदि पर सख्ती बरत रही है। जिससे कुछ स्थानो पर यह अवैध कार्य बंद भी हो गया है। बाउजूद इसके अभी भी नशेड़ी युवाओं को आसानी से अवैध नशा उपलब्ध हो रहा है। यह चिंतनीय है। ज्ञात हो कि गांजा व सिलोशन सस्ता व तेज नशा होता है। जिसके लतखोर बढ़ते जा रहे है। बताया जा रहा है कि कुछ युवा बोनफिक्स माचिस की तीली, खांसी सिरप आदि से भी नशा करते है। इसलिए पुलिस को एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर नशे के कुचक्र को तोडऩा होगा है। 12 से 25 वर्ष तक के युवा नशे के लत के कारण अपराध को भी अंजाम दे रहे है। नशे की लत पूरी करने युवा लूट मारपीट नकबजनी, चोरी करने से भी बाज नहीं आते है। वहीं पूर्व में नशेड़ी युवकों द्वारा कई जानलेवा अपराध को भी अंजाम दिया गया है। नशे में गैंग बाजी कर मारपीट, हाफ मर्डर व मर्डर जैसे गंभीर अपराध युवा कर चुके है।
नशीली गोलियों व ड्रग्स की सप्लाई
चर्चा है कि शहर में अब बड़े शहरों की तर्ज पर नशीली गोलियों व ड्रग्स की सप्लाई भी होने लगी है। पूर्व में नशीली गोलियां बेचने वाले कई आरोपियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं पूर्व में ड्रग्स पैडलर भी गिरफ्तार हो चुके है। चर्चा है कि धमतरी के कई युवा ड्रग्स के आदि है वे सम्पन्न व संभ्रांत परिवार के युवा है जो मंहगा नशा करते है। इस प्रकार नशे के बढ़ते दायरे पर बारिकी से जांच कर रोक लगाने की आवश्यकता है। पुलिस के साथ ही परिवार वालों की भी बड़ी जिम्मेदारी नशे की लत से अपने बच्चों को बचाने में होती है।