मुख्य मार्गो में खल रही साईन बोर्ड की कमी, राहगीर टर्निंग पर हो रहे भ्रमित
रास्ता पूछने के लिए व्यस्त मार्गो पर रुकते है वाहन, दुर्घटना व यातायात की बढ़ जाती है आशंका
धमतरी। नेशनल व स्टेट हाईवे पर रोजाना हजारों वाहनों का आवागमन होता है। इस दौरान मार्ग में कई मोड़ भी आते है। जहां पर वाहन चालक साईन बोर्ड को देखकर अपने गंतव्य के अनुसार वाहन को दिशा देते है। और यदि साईन बोर्ड न हो तो कई बार वाहन चालक भ्रमित भी हो जाते है। ऐसी ही समस्या पिछले काफी समय से धमतरी शहर से गुजरने नेशनल व स्टेट हाईवे पर है। जहां साईन बोर्ड की कमी वाहन चालकों को खल रही है। वहीं कुछ स्थानों पर साईन बोर्ड लगे है लेकिन सही जगह पर नही लगे होने के कारण वाहन चालकों को परेशानी होती है। ज्ञात हो कि धमतरी छत्तीसगढ़ प्रदेश के मध्य में स्थित है। यहां से राजधानी रायपुर और बस्तर को जोडऩे वाला नेशनल हाईवे 30 गुजरा हुआ है। इसके अतिरिक्त कई स्टेट हाईवे भी कई जिलों तक जाते है। इन मार्गो से रोजाना हजारों लोग सफर करते है। शहर के भीतर यदि कोई नया व्यक्ति वाहन से प्रवेश करे तो बिना पूछे अपने गंतव्य वाले स्थान के सही दिशा में जा नहीं पाता है। शहर के मुख्य चौक चौराहो जहां से अन्य जिलों के लिये मार्ग में टर्निंग है वहां साईन बोर्ड ही नहीं है, वहीं कुछ स्थानों पर लगे साईन बोर्ड सही जगह पर नहीं लगे है जिससे साईन बोर्ड का लाभ वाहन चालकों ठीक से नहीं मिल पाता। इससे कौन सा स्थान किस दिशा में है और उसकी दूरी कितनी है यह पता ही नहीं चल पाता।
शहर के भीतर अर्जुनी मोड़ पर साईन बोर्ड आवश्यक है। क्योंकि यहां से एक मोड़ भखारा और दूसरा कुरुद की ओर जाता है। इसी प्रकार सिहावा चौक में एक सीधा रास्ता शहर के भीतर व दुर्ग बस्तर की ओर जाता है। मोड़ वाला दूसरा रास्ता सिहावा व उड़ीसा को जाता है। यहां चौक में सालो पहले साईन बोर्ड लगाया गया है जो कि अब कई जगह से उखड़ चुका है। साईन बोर्ड के सामने एडवटाईजिंग का बोर्ड लगा है जिससे सही जानकारी नहीं मिल पाती। रत्नाबांधा चौक में एक रास्ता बस्तर दूसरा रास्ता दुर्ग भिलाई की ओर जाता है। यहां पर दुर्ग रोड पर साईन बोर्ड लगा है जो कि चौराहा से काफी दूर है। अम्बेडकर चौक से एक सीधा रास्ता बस्तर दूसरा मोड़ वाला रास्ता गंगरेल की ओर जाता है। यहां पर भी गगंरेल रोड में साईन बोर्ड काफी दूर लगा है। नहर नाका तिराहे में एक रास्ता नगरी विंध्यवासिनी मंदिर और सिहावा चौक की ओर जाता है ऐसे हर चौराहे तिराहे पर वाहन चालक भ्रमित हो जाते है। यहां भी साईन बोर्ड लगा है लेकिन शांति घाट के पास इसलिए आगे मोड़ के पास आकर अचानक वाहन रोककर लोगों से रास्ता पूछते है। जिससे दुर्घटना व जाम की आंशका बढ़ जाती है।
गूगल मैप से मिलती है राहत
कुछ ऐसे वाहन चालक जो एंड्रायड या स्मार्ट फोन चलाते है और नये तकनीक के जानकार होते है वे तो गूगल मैप से डारेक्शन लेते रहते है। अपने अपने गंतव्य तक पहुंच जाते है। लेकिन हर व्यक्ति गूगल मैप का इस्तेमाल नहीं करता। ऐसे में उनके लिये साईन बोर्ड ही बेहतर होता है। साईन बोर्ड से वे बिना पूछताछ व संदेह के सीधे अपने राह पर आगे बढ़ जाते है।