बारिश के सीजन में ईट रेत, गिट्टी के बढ़े व सीमेंट, छड़ के घटे दाम
नियमानुसार रेत खदानों बंद रहने अवैध खनन पर कार्रवाई से बढ़े रेत के दाम
ईट के दाम छू रहे आसमान गड़बड़ाया निर्माणकर्ताओं का बजट
धमतरी। बारिश के चौमासे में लोग पानी की उपलब्धता व अन्य कारणों के चलते मकान व भवन निर्माण कार्य कराते है। वर्तमान में भवन निर्माणकर्ताओं को निर्माण सामाग्री की खरीददारी के लिए ज्यादा दाम चुकाना पड़ रहा है वहीं कुछ सामानों के दाम घटे भी है।
मिली जानकारी के अनुसार अभी रेत, गिट्टी, ईट के दाम बढ़े है। दरअसल बारिश के चौमासे में खदानों से रेत का खनन परिवहन प्रतिबंधित रहता है। 15 जून से नियमानुसार रेत खदाने बंद कराई गई है। जो कि 15 अक्टूबर तक बंद रहेगी। हालांकि इसके बाद भी खदानों, रेत घाटो से रेत का अवैध खनन परिवहन लगातार जारी है। लेकिन खनिज विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। इसका असर भी रेत के दाम पर पड़ रहा है। नियम विरुद्ध खदानों के बंद होने के बाद भी रेत निकालकर बेचने और कार्रवाई की दौरान जुर्माने की राशि आदि की राशि भी जोड़कर रेत खरीददारों से वसूली जा रही है। बता दे कि 900 रुपये मिलने वाले एक ट्रैक्टर रेत के दाम अब 1300 से 1400 रुपये तक हो गये है। इसी प्रकार ईट के दाम भी आसमान छू रहे है। 7500 रुपये प्रति ट्रैक्टर ट्राली मिलने वाली ईट 11 से 12 हजार प्रति ट्राली हो गई है। ईट निर्माणकर्ताओं का कहना है कि बारिश के मौसम में ईट निर्माण करने से नुकसान की आंशका का ज्यादा रहती है। साथ ही पूर्व में हुए बारिश से भी ईट खराब हुआ था। ऐसे में अभी निर्माण पर ब्रेक लगाकर पुराने स्टाक से ही काम चलाया जा रहा है। इसलिए उत्पादन कम और डिमांड ज्यादा है। गिट्टी के दाम भी काफी बढ़े है। शहर में कई स्थानों से गिट्टी की सप्लाई साईज और क्वालिटी के हिसाब से होती है।
इसके विपरीत छड़ सीमेंट के दाम भवन निर्माणकर्ताओं को राहत पहुंचा रही है। सीमेंट के दाम में 10 से 20 रुपये प्रति बोरा कमी आई है। वर्तमान में 290 रुपये करीब सीमेंट बिक रहा है। वहीं छड़ प्रति क्विंटल 6200 के करीब था जो घटकर 5700 के भाव पर आ गया है। बताया जा रहा है कि इससे फिलहाल निर्माणकर्ताओं को थोड़ी राहत मिल रही है।