Uncategorized

परोपकार के लिए किए जाने वाले सभी कर्म धर्म है – संत लोकेश

धमतरी। निज धर्म को धारण करने एवं शुभ कर्मों को करने की प्रेरणा देने वाले आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज के चालीहा महोत्सव के 29 वें दिन के चालीसा पाठ एवं सत्संग का आयोजन श्री प्रेम प्रकाश आश्रम में हरेशकुमार नरेश कुमार एवं अजय रोहरा के परिवार द्वारा किया गया जिसमें संत लोकेश के साथ उपस्थित सभी भक्तों ने मिलकर स्वामी टेऊँराम चालीसा का पाठ किया। गोपाल श्रीकृष्ण का नाम संकीर्तन किया तत्पश्चात् आचार्य सद्गुरु स्वामी टेऊँराम जी महाराज के द्वारा रचित अमरापुर वाणी को गाकर संत लोकेश ने बताया कि गुरु महराज इस भजन के द्वारा हमें यह उपदेश दे रहे हैं कि यह फर्ज है कि हमे अपने धर्म को धारण करना चाहिए अपने धर्म में अडिग रहना चाहिए एवं धर्म को अपनाते हुए सदैव ऐसे सभी शुभ कर्म करना चाहिए जो हमें वेदों के द्वारा करने के लिए कहा गया है वे सत् कर्म करने को ही धर्म कहा गया है जो गुणों से परिपूर्ण है। वेदों के अनुसार सत्य पर चलना धर्म है परोपकार के लिए किए जाने वाले सभी कर्म धर्म है अपने द्वारा सत्य पर आधारित उद्यम करके कमाए गए धन में से कुछ दान करना धर्म है सभी प्रकार के जरूरत मंद जीवों चर अचर लाचार मनुष्य एवं पशु पक्षियों की सेवा करना उनकी मदद करना धर्म है एवं प्रकृति की सेवा करना धर्म है देश की सेवा करना भी धर्म है धर्म के अनुसार शुभ कर्म करने पर हर विपत्ति में ईश्वर हमारी हर तरह से रक्षा करने हेतु कृतसंकल्प है जिन कार्यों को करने के लिए निगम निवारे अर्थात जिस कर्म करने से सत् शास्त्र रोकें, वह कर्म कभी भी नहीं करना चाहिए, किसी भी जीव को मारना या अहित करना या दिल दुखाना,निंदा चोरी चुगली करना इत्यादि कर्म धर्म के विरुद्ध हैं ऐसे कर्म कदापि नहीं करना चाहिए इसे ही पाप कहते हैं इसी कारण सन्ताप माने भय से भरे कष्ट भोगने पड़ते हैं इसलिए किसी की बुराई हो वे कर्म न करें इससे दु:ख मिलेगा केवल दूसरों की भलाई हो वैसे कर्म करके पुण्य कमाकर सुख प्राप्त करना चाहिए धर्म के अनुसार शुभ कर्म करने से सर्व दुखों की निवृत्ति एवं् परमानन्द की प्राप्ति होगी।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!