बारिश और उमस के बीच बिगड़ रही लोगों की सेहत
सर्दी, खांसी, बुखार, गले में दर्द इंफेक्शन उल्टी, दस्त के बढ़े मरीज
जिला अस्पताल सहित निजी अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
धमतरी। विगत पखवाड़े भर से ज्यादा समय तक वर्षा के बाद पिछले कई दिनों से बारिश थमी है। बारिश थमते ही उमस बढ़ गई है। इस दौरान मौसम और तापमान में आ रहे बदलाव का लोगों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। लोग बीमार हो रहे है और अस्पताल पहुंच रहे है। बता दे कि एक दो दिनों में ही तापमान में कई डिग्री का अंतर आ रहा है। जब बारिश हो रही थी तो मौसम ठंडा था तापमान नीचे था हल्की ठंड का अहसास हो रहा था लेकिन बारिश कम होने और फिर थम जाने के बाद तापमान चढऩे लगा है। इससे मानव शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त, इंफेक्शन आदि के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। जिला अस्पताल के ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ गई है। निजी अस्पतालों में भी वारयल फीवर के मरीज लगातार पहुंच रहे है।
बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा इन्हें रहता है बीमारियों का खतरा
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक मानसून आते ही जिन बीमारियों का खतरा बढ़ता है। उनकी चपेट में सबसे जल्दी और तेजी से कमजोर इम्युनिटी वाले लोग आते है। ऐसे लोगों पर वायरस और बैक्टरिया आसानी से अटैक करते है। इसलिए इन्हें सावधानी रखना आवश्यक है। इन्हें खानपान में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है।
डायरिया, टायफाईड, डेंगु मलेरिया का खतरा
बारिश के मौसम में सेहत का विशेष ख्याल रखना पड़ता है। जरा सी लापरवाही से सेहत बिगडऩे का नुकसान उठाना पड़ सकता है। वायरल इंफेक्शन के अलावा बारिश के मौसम में डायरिया, टायफाईड, डेंगु मलेरिया का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इस मौसम में उक्त बीमारियां सबसे तेजी से फैलती है। खराब खानपान से डायरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां होती है। इसलिए विशेषकर ताजा, स्वच्छ भोजन और शुद्ध उबला हुआ पानी पीने चाहिए। डेंगु मलेरिया बरसात में सबसे ज्यादा खतरनाक हो जाता है। यह बीमारी मच्छरों के काटने से होती है। वर्तमान में मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में मच्छरों से बचने के उपाय करना जरुरी है।