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48 साल से नहीं हुआ शहर सीमा का विस्तार, विकास के लिए जगह की हो रही कमी

1976 मेें शहर से लगे गांव सोरिद, बठेना, दानीटोला, हटकेशर, गोकुलपुर को किया गया था शहरी सीमा में शामिल

2014 में नगर पालिका के 36 वार्डो को बांटकर निगम बनाने किया गया था 40 वार्ड
धमतरी। शहर विकास के लिए अब फंड के साथ साथ जगह की भी कमी होने लगी है। पिछले कई सालों से यह कमी महसूस की जा रही है लेकिन शहर विकास हेतु शहर सीमा बढ़ाने की दिशा में सार्थक प्रयास नहीं हो पाये है। बता दे कि धमतरी शहर की आबादी अब एक लाख से ज्यादा हो चुकी है। शहर घना बसा है। सड़के भी अपेक्षाकृत कम चौड़ी है। या कहे धमतरी गलियों का शहर है ऐसे में शहर के भीतर वर्तमान वार्डो में विकास कार्यो के लिए भूमि मिल पाना काफी मुश्किल है। इसलिये विकास के नये व बड़े प्रोजेक्ट के लिए शहर सीमा का विस्तार आवश्यक हो गया है। लगभग 48 साल पहले धमतरी शहर सीमा को बढ़ाया गया था इसके बाद आज तक विस्तार नहीं हो पाया जबकि लगभग 5 दशक में आबादी व्यापार, संसाधन, सुविधायें, वाहन, लोगों की जीवन शैली काफी बदल गयी है। सन् 1976 में शहर के आसपास के कुछ गांवो को शहर से जोड़ा गया था जिनमें सोरिद, बठेना, दानीटोला, हटकेशर, गोकुलपुर शामिल था। धमतरी नगरीय निकाय का इतिहास 144 साल पुराना है। साल 2014 में धमतरी नगर पालिका से नगर निगम में अपग्रेड करने हेतु नियमों की बाध्यता के कारण शहर के 36 वार्डो को ही तोड़कर 4 नये वार्ड बनाकर 40 वार्ड किया गया था। तब भी शहर सीमा का विस्तार नहीं हो पाया था।


ज्ञात हो कि सालों से विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट जैसे गोकुल नगर, ट्रांसपोर्ट नगर, हाईटेक बस स्टैण्ड, सर्वसुविधा खेल मैदान, मेडिकल, इंजीनियरिंग कालेज आदि स्वीकृत व शुरु ही नहीं हो पाये। अब शहर के भीतर इन कार्यो को भविष्य में शुरु करना मुश्किल होगा इसके लिए नयी बड़ी भूमि की आवश्यकता होगी। इसलिए शहर विकास के लिए शहर का विस्तार जरुरी हो गया है।
इन गांवो के किया जा सकता है शहर में शामिल
ज्ञात हो कि शहर की पहली महापौर अर्चना चौबे के कार्यकाल में धमतरी शहर को स्मार्ट सिटी का लुक देने निकट के तीन ग्राम पंचायतों रत्नाबांधा, अर्जुनी और रुद्री को धमतरी में जोडऩे का प्रस्ताव बनाया गया था। बता दे कि अर्जुनी की आबादी 3 हजार से ज्यादा है। रत्नाबांधा की आबादी भी 35 सौ से ज्यादा मानी जाती है। वहीं रुद्री की जनसंख्या को शहर में जोड़ दिया तो कम से कम 6 नये वार्ड बनाये जा सकते है। इसके अतिरिक्त पोटियाडीह, हरफतराई, कोलियारी आदि भी शहर सीमा से लगे हुए है। इन्हें भी शहर में जोड़ा जा सकता है।
मास्टर प्लान सिर्फ फाईलो तक है सीमित
शहर के विकास और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए मास्टर प्लान बनाया जाता है। लेकिन धमतरी शहर के लिए मास्टर प्लान तो फाईलो तक ही सीमित रहा है। 2011 से 2021 तक लागु मास्टर प्लान के अनुसार काम ही नही हुआ अब नया मास्टर प्लान 2031 तक लागु हो गया है। अब तक तो मास्टर प्लान के मुताबिक कार्य नहीं हो पाये है। ऐसे में न तो सालों पुरानी ड्रेनेज सिस्टम में सुधार हुआ और ही शहर की सड़के चौड़ी हुई और न ही यातायात व्यवस्थित हुआ।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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