गुरु मनुराज पचौरी शिष्या उपासना भास्कर की जोड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रही नाम रौशन
श्री कृष्ण संगीत महाविद्यालय के संस्थापक पीबी पराडकर, प्राचार्य वीरेंद्र साहू सहित जिलेवासियो ने दी बधाई
धमतरी। उपासना भास्कर एवं मनुराज पचौरी यह दो नाम आज धमतरी की पहचान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बना रहे हैं। दोनों गुरु और शिष्या की जोड़ी विभिन्न प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों से न केवल लोगों का दिल जीत रहे है बल्कि अपने जिले व प्रदेश का नाम भी रोशन कर रहे है। इस जोड़ी ने संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित पावस प्रसंग और उसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगीत समारोह चक्रधर संगीत महोत्सव में अपनी प्रस्तुति दी। उपासना भास्कर कथक नृत्य की मास्टर्स डिग्री के लिए फिलहाल लखनऊ भातखंडे विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रही हैं, वहीं मनुराज पचौरी तबले व पत्रकारिता में प्रतिष्ठित नाम है। उपासना ने आगे बताया कि कथक के क्षेत्र में उन्हें नाट्यनर्तन सम्मान, नृत्य अनुभूति सम्मान, कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर सम्मान, रुंगटा अवार्ड ऑफ़ एक्सीलेंस, सर्वोदय प्रतिभा सम्मान समेत कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है इसके अलावा वे दूरदर्शन ऑफ इंडिया की मान्यता प्राप्त ग्रेडेड कलाकार हैं और आज भारत भर में अपनी कला का प्रदर्शन कर रही है जिसके अंतर्गत अब तक उन्होंने छत्तीसगढ़ के अलावा नई दिल्ली, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश समेत भारत के कई राज्यों में अपनी कला का प्रदर्शन अपने गुरु पंडित मनुराज पचौरी के साथ किया है।
चक्रधर समारोह का अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने कहा कि यह मेरे जीवन की अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि मुझे शास्त्रीय नृत्य व संगीत के अंतरराष्ट्रीय स्तर के समारोह चक्रधर महोत्सव में नृत्य का मौका मिला और वहां करीब 10000 दर्शकों ने हमारी प्रस्तुति को सराहा उन्होंने बताया कि इस मंच पर पंडित हरिप्रसाद चौरसिया के भतीजे राकेश चौरसिया पंडित शिवकुमार शर्मा के पुत्र के अलावा हेमा मालिनी और मीनाक्षी शेषाद्री जैसे बड़े कलाकारों के बीच उन्हें पहचान मिली इसके लिए वे अपने दादा गुरु पंडित विवेक देशमुख और अपने गुरु पंडित मनु राज पचौरी के आशीर्वाद को प्रमुख कारण मानती हैं। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम उनके माता-पिता एमएस भास्कर व स्व. सीनू देवी भास्कर का आशीर्वाद है। इनके अलावा कृष्ण संगीत महाविद्यालय के संस्थापक पीबी पराडकर, प्राचार्य वीरेंद्र साहू और उनके गुरु मनुराज पचौरी के आशीर्वाद का ही परिणाम है कि वह आज बड़े-बड़े मंचों पर अपनी प्रस्तुतियां दे रही है।