सार्थक स्कूल के विशेष बच्चों को मिला पारंपरिक छत्तीसगढ़ी साडिय़ों और सलवार कुर्तियों का उपहार
सार्थक के बच्चों के बीच जाकर कविता प्रदीप सेठिया ने पिता की स्मृतियों का दु:ख भुलाया
धमतरी। धमतरी के प्रदीप एवं श्रीमती कविता सेठिया, धमतरी के मानसिक दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र सार्थक स्कूल के बच्चों से मुलाकात के लिए पहुंचे। बच्चों ने भरपूर उत्साह के साथ गीत गाकर उनका स्वागत किया। सेठिया दंपति ने भावुक होकर कहा, इतने वर्षों से संचालित इस संस्था के बच्चों से, वे अभी तक मिलने नहीं आ पाए, इसका उन्हें खेद हो रहा है। उन्होंने कहा, सरल ,व्यवहार वाले,समझदार और भोले बच्चों के बीच आकर,वे एक वर्ष पूर्व, अपने पिता स्व. मूलचंद सेठिया से बिछडऩे का दुख भुला बैठे हैं।
सेठिया दंपति ने सार्थक स्कूल को 10 छत्तीसगढ़ी पारंपरिक साडिय़ां भेंट की।संयोगवश इसी दिन धमतरी की श्रीमती आभा गुप्ता अपनी बेटी संजना गुप्ता के साथ स्कूल आईं और उन्होंने 8 छात्राओं को नए सलवार सूट का उपहार दिया, बच्चियां नई ड्रेस पाकर बेहद प्रसन्न हुईं। आभा एवं संजना ने प्रफुल्लित होकर बच्चों की प्रतिभा की सराहना की।सार्थक की अध्यक्ष डॉ.सरिता दोशी ने बताया कि,संगीत एवं नृत्य के प्रशिक्षकों द्वारा लगातार अभ्यास कराते रहने से बच्चे, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होने, शहर एवं शहर से बाहर जाने के लिए उत्साहित रहते हैं और अच्छा परफॉमेंस देते हैं।
लेकिन हर बार कार्यक्रम के अनुरूप पहनने के लिए पोशाक और गहने, खरीदना या किराए पर ले पाना,सार्थक संस्था अथवा पालकों के लिए, संभव नहीं हो पाता। भेंट की गई, छत्तीसगढ़ी पारंपरिक साडिय़ां,विभिन्न अवसरों पर बच्चों को तैयार करने में, बहुत उपयोगी होंगी। वरिष्ठ प्रशिक्षक मैथिली गोड़े ने आभार व्यक्त किया। उपरोक्त अवसर पर प्रशिक्षक देविका दीवान, स्वीटी सोनी, सुनैना गोड़े, सकीना बाघमारे उपस्थित थे।