सहकारी समितियो ने भी समय की नब्ज को पहचान कर अपनी गतिविधियों में परिवर्तन और विस्तार की नीति अपनाई है-डॉ. दीक्षित
धमतरी-सहकारी क्षेत्र की शीर्षस्थ संस्था भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ नई दिल्ली द्वारा अनुमोदित 71 वे अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का आयोजन जिला सहकारी संघ धमतरी द्वारा किया जा रहा है. चतुर्थ दिवस के तकनीकी विषय “सहकारी उद्यम में परिवर्तन” पर गोष्ठी का आयोजन प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित कुर्रा (बागतराई) के धान परिसर केंद्र में आयोजित किया गया। गोष्ठी में तकनीकी विषय विशेषज्ञ मुख्य वक्ता डॉ ए एन दीक्षित पूर्व प्राचार्य पीजी कॉलेज धमतरी के साथ जिला सहकारी संघ धमतरी के पूर्व अध्यक्ष टेमललाल साहू, पूर्व संचालक नंदकुमार साहू, पैक्स कुर्रा (बागतराई) के पूर्व अध्यक्ष क्रमशः परमेश्वर साहू, बलराम देवांगन की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।कार्यक्रम के प्रारंभ में संघ के पूर्व अध्यक्ष श्री साहू ने जिला सहकारी संघ के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। जिला संघ के पूर्व संचालक श्री साहू ने संघ द्वारा जिले में कराए जा रहे गोष्ठी व प्रशिक्षण को लाभकारी बताया। पूर्व अध्यक्ष पैक्स श्री साहू ने सहकारी सप्ताह के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सहकारिता सबको जोड़ने, मिलने व समन्वय के साथ कार्य करने का सशक्त माध्यम है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता डॉ दीक्षित ने कहा कि हमारे देश में व्यवसायिक संगठन के रूप में सहकारिता की औपचारिक शुरुआत 1904 में हुई। प्रारंभिक तौर पर सहकारिता कृषि साख की व्यवस्था पर ग्रामीण कृषकों को महाजनों के शोषण से राहत दिलाने हेतु ही प्रयोग में लाई गई थी। आज भी कृषि साख की आपूर्ति में सहकारी समितियां अग्रणी भूमिका निभा रही है। सहकारिता ने निश्चय ही कृषकों की स्थिति सुधारने का उल्लेखनीय कार्य किया है। कुछ प्रदेशों में तो समितियां शून्य ब्याज दर पर कृषकों को अल्पकालिक ऋण उपलब्ध करा रही है। कृषि साख के क्षेत्र से आगे बढ़कर सहकारी संस्थाएं अब उत्पादन, विपणन, आवास, परिवहन, डेयरी, मत्स्य पालन, वनोंपज संग्रहण आदि अनेक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है। अब सहकारी क्षेत्र सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के ही समान तीसरा महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाने लगा है। आज का युग तीव्र परिवर्तन का है। सहकारी समितियो ने भी समय की नब्ज को पहचान कर अपनी गतिविधियों में परिवर्तन और विस्तार की नीति अपनाई है। जुलाई 2021 में केंद्र में बहुप्रतिक्षित सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद प्रधानमंत्री ने सहकार से समृद्धि अभियान के अंतर्गत संपूर्ण सहकारिता क्षेत्र में परिवर्तन की लहर पैदा कर दी है, और सभी प्रकार की सरकारी समितियां अब नए-नए परिवर्तनों को आत्मसात कर अपना कलेवर बदल रही है।प्राथमिक कृषि साख समिति, केंद्रीय सहकारी बैंक, शहरी सहकारी बैंक, सहकारी चीनी मिल, राष्ट्रीय सहकारी समितियां, सहकारिता में शिक्षण और प्रशिक्षण, राष्ट्रीय सहकारिता डेटाबेस, सहकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना का विचार तथा नई सहकारिता नीति पर चर्चा यह सब सहकारिता क्षेत्र में नए परिवर्तनों के साक्षी है। इसी तारतम्य में आगामी 25 से 30 नवंबर तक दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमें विश्व भर के सहकारी संगठन भाग लेंगे। आयोजन की जिम्मेदारी इफको सहित प्रमुख सहकारी संगठनों को दी गई है, साथ ही 2025 के वर्ष को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाने एवं इस अवसर पर विशेष डाक टिकट जारी करने का भी निर्णय लिया गया है.कार्यक्रम का प्रारंभ मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन व भारत माता के चित्र पर पूजन अर्चन उपरांत मंचस्थ अतिथियों का स्वागत कर किया गया। कार्यक्रम में सहकारी क्षेत्र से जुड़े बड़ी संख्या में सदस्य व कृषकगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन संघ प्रबंधक ए पी गुप्ता व आभार प्रदर्शन पुरुषोत्तम ध्रुव ने किया।