90 प्रतिशत दिव्यांग चित्रकार बसंत साहू ने बनाई 16 हजार पेटिंग, किया गया हेलन केलर अवार्ड से सम्मानित
विगत 29 सालों से कला के प्रति समर्पण भावना के लिए दिल्ली की एनसीपीईडीपी संस्था ने किया सम्मान
कुरुद। दिव्यांगता 90 प्रतिशत होने के बावजूद अपनी अदम्य इच्छाशक्ति और कला के प्रति समर्पण से प्रसिद्ध चित्रकार और समाजसेवी बसंत साहू ने न केवल खुद को, बल्कि पूरी दुनिया को चकित किया है। उनके जन्मदिन के इस विशेष अवसर पर उन्हें हेलन केलर अवार्ड 2024 से सम्मानित किया गया। बता दे कि विगत 29 सालों में चित्रकार बसंत साहू ने 16 हजार पेटिंग बनाई है। यह पुरस्कार उनके असाधारण योगदान और कला के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया। बसंत साहू का जीवन एक प्रेरणा है। सड़क दुर्घटना के बाद उनकी शारीरिक स्थिति 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावित हो गई, लेकिन उन्होंने अपनी कला के माध्यम से छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक मुद्दों को जीवित रखा। उनके चित्रों में जीवन की उमंग, प्रेम, और सौंदर्य झलकता है। उन्होंने अपनी कला के जरिए छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, पारंपरिक परिधान और भारतीय संस्कृति की सुंदरता को बखूबी दर्शाया है। दिल्ली से आए एनसीपीईडीपी संस्था के डायरेक्टर सुमित गुप्ता और स्नेहा द्वारा हेलन केलर अवार्ड से सम्मानित किया गया। इसके अलावा छत्तीसगढ़ विकलांग मंच और दिव्यांग प्रेरणा जन कल्याण समिति धमतरी द्वारा भी चित्रकार बसंत साहू को स्मृति चिन्ह, शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।
ज्ञात हो कि बसंत साहू के बनाए चित्रों का संग्रह देश के विभिन्न प्रमुख स्थानों पर किया गया है, जिनमें राष्ट्रपति भवन, राजभवन, दिल्ली संग्रहालय और कई अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय शामिल हैं। कुरुद क्षेत्र में नई-नई प्रतिभाओं को निखारने के लिए बसंत फाउंडेशन के माध्यम से बच्चों और बालिकाओं को कला की शिक्षा दी जा रही है। इसके साथ ही क्षेत्र में कला स्कूल की आवश्यकता को महसूस करते हुए शासन से एक कला स्कूल की मांग की गई है ताकि अधिक से अधिक युवा अपनी कला की प्रतिभा को निखार सकें। इस विशेष दिन पर दिव्यांग संघ के सदस्य जैसे ईश्वर छाटा, थानेश्वर कुमार निषाद, बसंत बिश्नोई, संतोषी बिश्नोई, डेरहा राम साहू, और रोहित कुमार साहू भी उपस्थित रहे और श्री साहू का उत्साहवर्धन किया।