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हाईकोर्ट ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया पर लगाई रोक, बिना फिजिकल टेस्ट लौटे अभ्यर्थी

धमतरी। छत्तीसगढ़ राज्य में जिला पुलिस बल, एमटी पुल, रेल्वे, माना पीटीएस व चन्दखुरी ट्रेचिंग सेंटर में आरक्षक पद के लिये भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हुई थी, धमतरी में भी गरियाबंद के 186, बलौदाबाजार के 98, धमतरी के 108, महासमुंद के 92, एमटी पुल के 48, माना पीटीएस के 20, चंदखुरी ट्रेचिंग सेंटर के 22 व रायपुर रेल के 109 पद समेत कुल 683 पदों के लिये भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। संबंधित जिले के अभ्यर्थियों को बारी-बारी बुलाकर रक्षित आरक्षी केन्द्र रुद्री में उनके दस्तावेजों की जांच करने के साथ ही शारीरिक नापजोख व शारीरिक दक्षता की परीक्षा ली गई। बुधवार को भी सैकड़ों अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, सभी अभ्यर्थी सुबह-सुबह निर्धारित समय में रुद्री पहुंच गए थे, लेकिन सूचना पटल देखते ही उनके होश उड़ गए, जिसमें हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए भर्ती प्रक्रिया में रोक लगाने की बात कही गई थी। इस सूचना को पढ़कर दूरदराज से आये अभ्यर्थी काफी निराश नजर आये, जिन्हें पुलिस अधिकारियों द्वारा समझाईश देकर लौटाया गया। भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगने से निराश अभ्यर्थियों ने कहा कि कई साल बाद पुलिस भर्ती के लिये वेकेंसी निकाला गया था इस भर्ती में शामिल होने काफी समय से कड़ी मेहनत कर रहे थे, ऐसे में बीच में ही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाया जाना काफी निराशाजनक है। बताया जा रहा है कि राजनांदगांव के एक अभ्यर्थी के पिता ने भर्ती प्रक्रिया में अपनाये जा रहे नियमों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था। पुलिस भर्ती प्रक्रिया में पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के संतानों के लिये भर्ती में छूट दी गई है, फिजिकल टेस्ट में ऊंचाई व सीने के माप समेत 9 बिन्दुओं में यह छूट दी गई है। हाईकोर्ट ने माना कि सेवा निवृत्त कर्मचारियों के संतानों को छूट दिया जाना आम जनता के साथ भेदभाव है। इसके बाद हाईकोर्ट ने पूरे प्रदेश में आरक्षक संवर्ग के पदों पर हो रही भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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