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ठगो द्वारा सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर की जा रही सायबर ठगी

अकाउंट से पैसे उडाना, आईडी हैक कर धोखाधड़ी फर्जी आईडी से विवादित पोस्ट व अश्लीलता फैलाना, लुभावने स्कीम के जाल में फंसाने के होते है क्राईम

शिकायत अपराध के बाद भी ठगो तक पहुंच पाना पुलिस के लिए होता है काफी मुश्किल
धमतरी। हाईटेक दौर में अपराध भी हाईटेक तरीके से हो रहे है। पहले कम पढ़े लिखे या अनपढ़ लोग अज्ञानता व मजबूरी में अपराध को अंजाम देते थे लेकिन अब पढ़े लिखे जानकार लोग ज्यादातर अपने शौक पूरे करने सायबर क्राईम को अंजाम दे रहे है। बता दे कि जिले में भी सायबर क्राईम के मामले बढ़े है। अधिकांश सायबर क्राईम के छुटपूट मामलो की शिकायत थानों में प्रार्थी द्वारा दर्ज ही नहीं कराई जाती है। और यदि शिकायत दी जाती है तो भी पुलिस सायबर ठगो तक ज्यादातर नहीं पहुंच पाती है। सायबर क्राईम के तहत फेसबुक या अन्य सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर उस अकाउंट से जुड़े लोगो से पैसे की डिमांड करना। फर्जी आईडी या फिर किसी की सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर विवादित या अश्लील पोस्ट करना, लुभावने स्कीम जैसे बिना मेहनत घर बैठे पैसे कमाना, पैसो को कई गुणा बढ़ाकर लौटाना लाटरी या अन्य इनाम मिलने आदि का झांसा ज्यादातर सायबर ठगो द्वारा दिया जाता है। बता दे कि हमारे बैंक या अन्य अकाउंट से पैसे तभी निकाले जा सकते है या हैक किया जा सकता है जब ठगो को हमारी गोपनीय जानकारी पता है या फिर उनके द्वारा दिये गये निर्देशो को फालो किया गया है। बड़े राशि आरहण या ठगी पर ही लोगो द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज की जाती है। सोशल मीडिया शिकायत दर्ज की जाती है। सोशल मीडिया का फर्जी अकाउंट हैक होने पर इसकी शिकायत नहीं की जाती है। इससे आरोपियों को और बढ़ावा मिलता है। ज्ञात हो कि शिकायत के बाद भी पुलिस के लिए सायबर ठगो तक पहुंचना बड़ी चुनौती होती है। सायबर ठग देश दुनिया के किसी भी कोने से आसानी से सायबर ठगी को अंजाम देते है। और जिला पुलिस के पास आज भी सीमित संसाधन और स्टाफ है जो कि सायबर क्राईम से निपटने ट्रेंड है।


सावधानी ही है बचाव
सायबर क्राईम से बचाव का सबसे महत्वपूर्ण तरीका जागरुकता व सावधानी है। यदि हम जागरुक रहे तो ऐसे अपराधों से बच सकते है। जानकारों के अनुसार हमे अपने एटीएम पिन, पासवर्ड, ओटीपी या बैंक की कोई भी निजी जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए। किसी प्रकार के लुभावने स्कीम के जाल में नहीं फंसना चाहिए। उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का पालन नहीं करना चाहिए। इससे चंद सेकेंड में खाते से रकम पार हो सकता है। आनलाईन पेंमेट साइट का पासवर्ड सोशल मीडिया अकाउंट आदि का डीआर कोड व पासवर्ड गोपनीय ही रखना चाहिए। किसी भी लाटरी, इनाम आदि झांसे से बचना चाहिए। अन्यथा सायबर ठगी के शिकार हो सकते है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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