नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव स्थल में हेंगर नंबर 1 के स्टॉल नंबर 21 में लगाया गया है जेल विभाग का स्टॉल
छत्तीसगढ़ जेल के इतिहास तथा गतिविधियों को फोटो-डिस्प्ले तथा ऑडियो-विजुअल प्रकार से आकर्षक तरीके से किया गया है प्रदर्शित

जेल विभाग के स्टॉल में आम जनता के लिए बनाया गया है सेल्फी प्वाईंट
नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव स्थल में हेंगर नंबर 1 के स्टॉल नंबर 21 में जेल विभाग का स्टॉल लगाया गया है। इस स्टॉल में छत्तीसगढ़ जेल के इतिहास तथा गतिविधियों को फोटो-डिस्प्ले तथा ऑडियो-विजुअल प्रकार से आकर्षक तरीके से प्रदर्शित किया गया है। जेल विभाग के स्टॉल में अब तक 50 हजार से अधिक का फुटफॉल हुआ है। आम जनता अत्यंत ही रूचि से स्टॉल का भ्रमण कर रही है और जेल विभाग की गतिविधियों की सराहना कर रही है।
जेन-जी युवाओं को कनेक्ट करने के उद्देश्य से जेल विभाग के स्टॉल में आम जनता के लिए एक सेल्फी प्वाईंट भी बनाया गया है। युवाओं द्वारा उत्साहपूर्वक सेल्फी लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया जा रहा है।जेल विभाग के स्टॉल में शहीद वीर नारायण सिंह की शहादत को नमन् करते हुए ब्रिटिश हुकूमत द्वारा जारी उनकी गिरफ्तारी तथा फांसी के आदेश को प्रदर्शित किया गया है। साथ ही भारत के महान कवि स्व. माखनलाल चतुर्वेदी द्वारा बिलासपुर जेल में वर्ष 1921 में रचयित देशभक्ति की कविता पुष्ण की अभिलाषा का विवरण प्रदर्शित किया गया है।महाकुंभ के अवसर पर विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री, जेल की पहल पर आयोजित संगम जल स्नान के साथ-साथ प्रदेश की विभिन्न जेलों में संचालित कार्यक्रम यथा सरगुजा स्कूल ऑफ आर्ट्स, रक्तदान शिविर, श्रीमद्भगवद्गीता पाठ, संस्कृत विद्यालय, ईको-फ्रेंडली हरित जेल, ई-प्रिजन, जेल-न्यायालय के मध्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, ई-न्यायालय इत्यादि का भी विवरण प्रदर्शित किया गया है।छत्तीसगढ़ शासन के सुशासन एवं अभिसरण विभाग की पहल पर छत्तीसगढ़ की सभी 33 जेलों में आयोजित आर्ट ऑफ लिविंग प्रिजन कोर्स को फोटोग्राफ तथा वीडियो के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। परम पुज्यनीय रविशंकर महाराज के केन्द्रीय जेल, रायपुर में 26 फ़रवरी को भ्रमण तथा आशीर्वचन को फोटो कोलाज के माध्यम से दर्शाया गया है।प्रदर्शनी में यह भी दर्शाया गया है कि 01 नपंचर 2000 को राज्य स्थापना के समय छत्तीसगढ़ में 03 केन्द्रीय जेल, 03 जिला जेल तथा 20 उप जेल थी। 01 नवंबर 2025 की स्थिति में राज्य में 05 केन्द्रीय जेल, 20 जिला जेल तथा 08 उप जेल हैं। प्रदर्शनी में तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री द्वारा केन्द्रीय जेल, दुर्ग का उन्नयन तथा सुप्रीम कोर्ट जस्टिस द्वारा ई-न्यायालय एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के शुभारंभ को रेखांकित किया गया है।
