कचरे से बन रहा खाद:महिलाओं को कचरे से हो रही आय,2 कंपोज सेंटरों में बना रहीं जैविक खाद
सुबह डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और दोपहर में खाद बनाती हैं महिलाएं
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने आयुक्त ने दिया है निर्देश
हजारों टन के कचरे के पहाड़ को किया समाप्त, अब मिनी फॉरेस्ट के रूप में होगा तब्दील, पेड़ के छाव तले ले सकेंगे सुकून, पौधरोपण कर बनाया जायेगा ग्रीन बेल्ट
धमतरी-जिस कचरे को लोग घर से बाहर फेंक रहे थे उसे कचरे से अब खाद बनाकर पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास किया जा रहा है। यह कार्य नगर निगम द्वारा संचालित एसएलआरएम सेंटर में किया जा रहा है। घरों से निकलने वाले कचरे को घर-घर संग्रहण के साथ-साथ इसका ट्रीटमेंट तो हो रहा है। सेंटर चलाने वाली महिलाएं इसका सदुपयोग करने के साथ आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रही है।गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों सें जैविक खाद का महत्व काफी बढ़ गया है। किसानों के साथ ही अब कई शहरवासी अपनी बागावानी में इस खाद का उपयोग कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कचरे से खाद बनाने वा शहर को साफ सुधरा रखने के लिए इस समय 174 महिलाएं जिम्मेदारी निभा रही हैं। ये महिलाएं शहर के 40 वार्डाें से कचरा इकट्ठा करने के साथ ही इसे अलग-अलग कर रही हैं।
लोग सराह रहे, पर्यावरण संरक्षण भी हो रहा: आयुक्त
नगर निगम आयुक्त विनय कुमार ने कहा कि शहर में 10 एसएलआरएम सेंटर में बन रही खाद को शहर में लोग इसे खरीदकर ले जा रहे हैं। इसके साथ ही दूरदराज के ऐसे किसान जो सब्जी की खेती करते है। वे भी जैविक खाद का उपयोग करते है। गमलों के साथ-साथ छोटे जगहों पर उगाई जाने वाली सब्जियों के लिए यह वरदान साबित हो रही है। पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह फायदेमंद है।
टेचिंग ग्राउंड की 4.5 एकड़ जमीन हुई कचरामुक्त
महिमा सागर वार्ड स्थित दानीटोला पूर्व ट्रेंचिग ग्राउंड पर दिखाई देने वाले कूड़े का पहाड़ (लिगेसी वेस्ट) को नगर निगम प्रशासन द्वारा तेजी से निस्तारण करने की प्रकिया किया गया है, जहां एक तरफ यह कचरे का ढेर था अब वह जगह समतल हो चुका है यही नहीं यह जगह मिनी फॉरेस्ट के रूप में तब्दील होने वाला है इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है और पौधे लगाने का कार्य भी प्रारंभ हो गया है। बकायदा इसके लिए 10 से 12 फीट के पौधे का चयन किया गया है ताकि पौधे को पेड़ के रूप में तब्दील होने में ज्यादा समय न लगे, गड्ढे भी इसी मुताबिक किए जा रहे है। गर्मी के दिनो मे सिंचाई को लेकर भी पर्याप्त व्यवस्था रखने कहा गया है जिससे पौधे की उचित बढ़वार हो सके। पौधे लगने के बाद यहां चैन से लोग छाव का आनंद भी ले पाएंगे। पौधे के लिए जेसीबी से गड्ढे किए जा रहे ताकि पौधो के जड़ फैलने में ज्यादा समय न लगे लगभग 4 से 5 फीट के गड्ढे इसके लिए किए जा रहे है। निगम द्वारा हजारों टन कचरे का निष्पादन हेतु कार्यदायी संस्था को दिया गया था है। वहां लगी मशीने द्वारा टेंडर पश्चात निरंतर लीगेसी वेस्ट की छटाई कर कूड़े के पहाड़ को समतल बनाई गई और कचरे को खाद में तब्दील किया गया, ताकि उन्हें ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जा सके। एजेंसी को सतह से ऊपर के जितने भी कचरे थे उनका निष्पादन करने का कार्य दिया गया था। हालाकि जितने कचरे का निष्पादन का ठेका दिया गया था उससे ज्यादा का निष्पादन एजेंसी ने करना बताया है।
रायपुर की टीम कर रही है मॉनिटरिंग
आयुक्त विनय कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि रायपुर की टीम दानीटोला में कचरा के निष्पादन को लेकर स्वयं मॉनिटरिंग कर रही है और समय समय पर इसमें नजर बनाए रखी है। निगम प्रशासन द्वारा एक्सपर्ट व्यू भी पौधा रोपण को लेकर लिया गया है और इसी के मुताबिक प्लांटेशन किया जा रहा है। कचरे के ढेर को समाप्त करना आसान नहीं था। परंतु एक बड़े कचरे को खाद के रूप में तब्दील किया जा चुका है। निगम के अधिकारी कार्यों की मॉनिटरिंग स्वयं कर रहे है। पौधे लगने के बाद इस जगह की तस्वीर कुछ अलग ही दिखाई देगी।