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पूर्ण एजेण्डा न भेजें जाने पर, सभापति ने फिर जताई नाराजगी, रात 8 बजे तक की प्रतिक्षा,जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया नहीं हुई पूरी

बैठक आयोजित करने स्वच्छ हाथों, साफ दिल एवं खुले दिमाग से सामूहिकता के साथ आगे बढे-: अनुराग मसीह

बतौर सभापति आसंदी के प्रति निष्पक्षता, कत्र्तव्यपरायणता के साथ रहे सदैव प्रतिबद्ध , संवैधानिक धर्म का करूंगा पालन-: अध्यक्ष
संभावित लोकसभा चुनाव को देखते हुए जनवरी में ही बजट बैठक आयोजित करने की हो जानी थी पूरी तैयारी, विलम्ब के लिए आखिर जिम्मेदार कौन-कौन
धमतरी। नगर निगम के सभापति अनुराग मसीह द्वारा बजट बैठक के साथ ही पूर्ववर्ती एजेंडा जाति प्रमाण पत्र से संबंधित फाइल को अधूरे भेजने पर सामान्य सभा के माध्यम से जनता के बीच में नगर निगम की किरकिरी ना हो और बेरोजगार युवाओं का भविष्य अधर में न लटके इसलिए 5 तारीख मंगलवार तक जाति संबंधी संपूर्ण प्रक्रिया को पूर्ण करने का निर्देश दिए थे और एक समिति का गठन भी किया था लेकिन उसकी रिपोर्ट का श्री मसीह द्वारा 5 तारीख को शाम 4:30 बजे उसके बाद रात को 8:30 तक नगर निगम में बैठकर इंतजार करने के बाद भी निगम के जिम्मेदार लोगों के द्वारा बैठक हेतु कोई भी संवाद तथा आपसी व्यवहार सभापति सचिवालय से नहीं किया, जिस पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि नगर निगम की बैठक आयोजित करने जो अधिनियम में प्रवधान एवं प्रक्रिया निहित किये गए हैं उसके पालन करने में जिम्मेदार लोगों में इच्छाशक्ति का अभाव स्पष्ट दिख रहा है जिस पर सभापति अनुराग मसीह ने कहा है कि वे जवाबदार लोग आज भी संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण करनें पर वे नियमानुसार बैठक आयोजित करने के लिए तारीख समेत सारी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने हेतु मानसिक और भौतिक रूप से तैयार है ,यदि किसी चीज की आवश्यकता नगर निगम में सामान्य सभा आयोजित करने के लिए इस कार्यकाल में शुरू दिन से दिखाई दे रही है तो वह यह है कि जिसे मैं भारी मन से भाव विभोर होकर कह रहा हूं की सामान्य सभा निष्पक्ष रूप से संचालित होने वाली एक संवैधानिक संस्था है इसकी मर्यादा का पालन करते हुए यहां पक्ष विपक्ष सहित नगर निगम के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारीयो में मन को साफ रखते हुए खुले दिल से, स्वच्छ हाथों के साथ, साफ एवं समर्पित मान: स्थिति की तैयारी के साथ आगे आकर जनता के साथ न्याय करनें का अभाव स्पष्ट रूप से दिख रहा है। जिसके कारण ही आज तक सामान्य सभा आयोजित करने में किसी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई जो दुर्भाग्य जनक बात है, क्योंकि यदि वास्तव में सामान्य सभा आयोजित करना था तो इसकी तैयारी जनवरी से प्रारंभ हो जाती इसके लिए सभापति सचिवालय ने बार-बार अनुसूचित जाति जनजाति आयोग सहित राज्य शासन के पत्रों का हवाला देते हुए युवाओं के भविष्य को संरक्षित कर संवर्धित करने के लिए हमेशा दिशा निर्देश देते रहे हैं लेकिन इसके लिए लापरवाही किसने की यह तय होना चाहिए और आज फिर वही स्थिति को दोहराया जा रहा है सिर्फ नोटशीट को किसी संस्था का आईना माना जाता है लेकिन उसे मात्र एक कागज के टुकड़े के रूप में सभापति कार्यालय को प्रेषित कर जिम्मेदार क्या सिद्ध करना चाहते हैं। इसकी मैं भत्र्सना करता हूं साथ ही निगम के निहित प्रावधान एजेंडा तैयार करने की जिम्मेदारी आयुक्त सहित उसके बाद अनुमोदन कराना महापौर और उसके बाद संपूर्ण कंप्लीट फाइल के साथ एजेंडा की पूर्णता को प्रदर्शित करते हुए सभापति कार्यालय में प्रेषित करने के बाद बैठक आयोजित करने के नियम का पालन करने के लिए मैं 24 घंटे नगर निगम के हित के लिए तैयार बैठा हूं।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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