जर्जर हुआ शवगृह, बाहर दुखी परिजनों के बैठने की नहीं है बेहतर व्यवस्था
बारिश के दिनों में सीलन, सीपेज की समस्या, नये सुविधायुक्त भवन की है दराकर
मर्रचुरी भवन के बाहर स्वच्छता का रहता है बुरा हाल, दुर्गंध से परेशान रहते है परिजन
धमतरी । जिला अस्पताल परिसर में किनारे पर स्थित शवगृह (मर्रचुरी भवन) में सालों से असुुविधा मृतकों के परिजनों को हो रही है। लेकिन उनकी इस परेशानी की ओर न जिला प्रशासन और न ही अस्पताल प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। बता दे कि जिला अस्पताल परिसर में निर्मित शवगृह में घटना, दुर्घटना में मृत या संदिग्ध शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है। यह प्रक्रिया न्याय, जांच को सही दिशा देने, मामले के खुलासे आदि के लिए अत्यंत आवश्यक होता है। इस क्रिया में काफी समय भी लग जाता है। कई बार घटना दुर्घटना पश्चात क्षत विक्षिप्त मृत शव को सीधे शवगृह में लाकर रखा जाता है। काफी शाम या रात होने पर या सुबह जल्दी होने पर घंटो परिजन शवगृह के बाहर बैठे रहते है। इस दौरान उन्हे यहां किसी प्रकार की सुविधायें नहीं मिलती। शवगृह के बाहर गंदगी का आलम रहता है। शवगृह के आसपास अंवाक्षित झाडिय़ां उगी हुई है। अस्पताल नर्सो के हास्टल का गंदा पानी भी शवगृह के पास से होकर गुजरता है। जिसके कारण भी गदंगी व बदबू फैली रहती है। कई बार नाली जाम होने के कारण गंदा पानी शवगृह के बाहर भी फैल जाता है। जिसके कारण असुविधा होती है। बारिश के दिनों में मार्ग में कीचड़ जमा रहता है। शवगृह के बाहर एक शेड बना हुआ है। जहां पत्थर लगाकर बैठने की व्यवस्था की गई है। यहां भी गंदगी और मच्छरों के प्रकोप से दुखी परिजन परेशान रहते है। बता दे कि जिला अस्पताल का शवगृह सालों पुराना है। यहां सालों की मांग के बाद एसी लगाया गया था जो कि अक्सर खराब हो जाता है। जिसके बाद काफी दिनों तक बंद ही रहता है। शवगृह भवन जर्जर हो चुका है। बारिश के दिनों में यहा ंपानी सीपेज और क्षत टपकने की समस्या उत्पन्न हो जाती है। सालों पुराना शवगृह में जगह की कमी महसूस हो रही है। कई बार यहां एक साथ कई शव पहुंचते है जिसे शवगृह में रखने की जगह नहीं होती इसलिए कई प्रकार की परेशानियों व असुविधा को देखते हुए नये बड़े सुविधायुक्त भवन निर्माण की मांग हो रही है। जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा पोस्टमार्टम के लिए नये भवन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है लेकिन स्वीकृति का इंतजार है।