शादी से पहले घरवा देकर बेटी के पैर छुए और उसे अखंड सौभाग्यवती होने का दिया आशीर्वाद
ममता एवं नेहा गोयल ने 6 वीं बेटी को घरवा दिया
उपहार ग्रुप ने आमदी की बेटी को दिए उपहार, ग्रीन आमदी क्लब ने भी दिया सहयोग
धमतरी। आमदी की केशरबाई पति स्व. तेजराम कुंभकार की मझली बेटी नोमिता का विवाह आमदी में संपन्न हुआ। विवाह से पूर्व बेटी को उपहार ग्रुप धमतरी की सदस्यों ने आमदी जाकर केशरबाई के देवर मुन्नालाल कुंभकार के निवास स्थान में एक संक्षिप्त कार्यक्रम में नोमिता का खोल भरा। सर्वप्रथम ग्रुप की वरिष्ठ सदस्य श्रीमती ममता गोयल ने नोमिता बेटी का तिलक लगाकर एवं फूल की माला पहनाकर आशीर्वाद दिया। तथा नगर पंचायत आमदी के पूर्व अध्यक्ष मनोज साहू, गजेंद्र कुंभकार_ पार्षद आमदी तथा ग्रुप के सदस्य वंदना मिराणी, सुभाष मलिक,गौरव लोहाना एवं सरिता दोशी ने लहंगा चुन्नी, श्रृंगार के सामान और मिठाई एवं सगुन के लिफाफे से बेटी का खोल भरा और दांपत्य जीवन के लिए उपहार देकर शुभकामनाएं दीं। इसी के साथ श्रीमती नेहा गोयल ने अपनी सास श्रीमती ममता गोयल के साथ बेटी को घरवा दिया, पैर छुए और उसे अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दिया। नेहा ने बताया कि घरवा उनके समाज की एक सुंदर रस्म होती है। बेटी की मां को इस रस्म की जानकारी पूर्व में दे दी जाती है। इसमें कुंवारी कन्या को विवाह के पूर्व सुहागन स्त्री के द्वारा सोने की नथ या नोज़ पिन,चांदी की पायल,बिछिया, साडिय़ां, कुछ बर्तन और श्रृंगार का सामान और अपने साम्यर्थ और इच्छानुसार जो गहने और सामान बन पड़े, दिया जाता है।
7 कन्याओं को घरवा देने वाले अपने को सौभाग्यशाली मानते हैं। नेहा ने बताया कि, सास के साथ बेटी को उपहार ग्रुप के माध्यम से, वे अपने संकल्प के अनुसार 6 बेटियों को घरवा देकर उसका पैर पूजना कर चुके हैं। नोमिता के चचेरे भाई डिकेश कुंभकार ने भावुक होकर बताया कि 5 साल पूर्व बड़े पापा के गुजरने के बाद बड़ी मां को दो बेटियों एवं बड़ी दिव्यांग बेटी तथा एक बेटे के साथ जीवन यापन करना बहुत कठिन हो गया था। पढ़ाई और परवरिश के संघर्षों के चलते मझली बेटी का रिश्ता बालोद जिले के खेरथा बाजार ग्राम में हुआ। उसके बाद उन्होंने बेटी को उपहार ग्रुप से संपर्क किया डिकेश ने बताया कि जानकारी मिलने पर आमदी के ग्रीन आमदी क्लब के सदस्य एवं ग्रामवासियों ने भी राशन का पूर्ण सहयोग दिया। धमतरी के धनराज लुनिया ने एक मंगलसूत्र का उपहार प्रदान किया। और इन सबके सहयोग से बेटी को खुशी-खुशी विदा किया। ग्रुप की संयोजिका डॉ.सरिता दोशी ने बताया कि, घरवा जैसे सामाजिक परम्पराओं पर आस्था रखने वाली सहृदयी महिलाओं की वजह से आर्थिक रूप से असक्षम परिवार की बेटियों को विवाह में कुछ सोने चांदी के गहने और अच्छे उपहार मिल जाते हैं और पैर पूजना से बेटियों के प्रति लाड़ प्यार और सम्मान की अभिव्यक्ति भी होती है।
ग्रुप के 32 सदस्य, स्वयं, अपने परिवार, रिश्तेदार,मित्र अथवा परिचितों के माध्यम से बेटियों के लिए उपहार सामग्री अथवा राशि की यथासंभव व्यवस्था करते हैं ,और विषम परिस्थितियों वाले परिवार की बेटियों को उपहारस्वरूप प्रदान करते हैं। इस अवसर पर केशरी बाई ,मुन्ना लाल कुंभकार, केशर बाई, डिकेश , चंद्रिका, मीना, नोमिता तथा कुंभकार परिवार के कुछ सदस्य उपस्थित रहे।