सपने ऐसे देखें, जिसे आगे बढ़ाने में अगली पीढ़ी योगदान दे-डायरेक्टर श्री देव सेनापति
आंरिएंटेशन कार्यक्रम और कृषक चर्चा में शामिल हुए कृषि एवं उद्यानिकी महाविद्यालय के विद्यार्थी
विषय विशेषज्ञों ने कृषि, उद्यानिकी सहित आजीविका के संबंध में दी विस्तार से जानकारी
धमतरी कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी के मार्गदर्शन में जिले में फसल चक्र परिवर्तन और जल संरक्षण की दिशा में अनेक पहल किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में आज जिले में गिरते भूजल स्तर एवं फसल चक्र परिवर्तन विषय पर परिचर्चा तथा विद्यार्थियों का ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्थानीय बाबू छोटेलाल श्रीवास्तव शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में डायरेक्टर ऑफ सेन्सस ऑपरेशन और सिटीजन रजिस्ट्रेशन आईएएस श्री के.सी. देव सेनापति बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इसके साथ ही सीईओ जिला पंचायत सुश्री रोमा श्रीवास्तव, एसडीएम धमतरी डॉ. विभोर अग्रवाल, उप संचालक कृषि श्री मोनेश साहू, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री डी.एस.कुशवाहा, शासकीय कृषि महाविद्यालय कुरूद, शासकीय उद्यानिकी महाविद्यालय कुरूद, महामाया कृषि महाविद्यालय सियादेही, के.एल.उद्यानिकी महाविद्यालय पोटियाडीह और गायत्री महाविद्यालय गोकुलपुर के अंतिम वर्ष के विद्यार्थी सहित प्राध्यापक एवं सहायक प्राध्यापकगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए आईएएस श्री के.सी. देव सेनापति ने कहा कि खेती करना सबसे अच्छा काम है, इसके जरिए आप देश की सेवा कर सकते हैं। जिला प्रशासन द्वारा आपको यह सुनहरा अवसर प्रदाय किया गया है, जिसका आप भरपूर लाभ उठाएं। उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सपने ऐसे देखें, जिन्हें आगे बढ़ाने में अगली पीढ़ी अपना योगदान दे। श्री देव सेनापाति ने कहा कि जब आप गांवों में किसानों से सम्पर्क करें, उससे पूर्व अपने विषय, शासन की योजनाओं और महत्वपूर्ण वेबसाईटों की जानकारी अच्छी तरह से संकलित कर लें। उन्होंने समझाईश दी कि विद्यार्थी अपने कार्य को सुव्यवस्थित और पूरे विश्वास से करें। इसके साथ ही श्री देव सेनापति ने ऑर्गेनिक फार्मिंग एंड वर्मी कम्पोस्ट, वृक्षारोपण, धान की विभिन्न किस्मों आदि के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिक श्री अमित कुमार सिन्हा ने कृषि में पारंपरिक ज्ञान का रोल, आधुनिक खेती का प्रयोग, जल संरक्षण, कीट नियंत्रण एवं उपचार, कृषि की किस्में और तकनीकी, हार्वेस्ट मैनेजमेंट, मिट्टी स्वास्थ्य परीक्षण इत्यादि की बारिकी से जानकारी दी। इसके साथ ही विषय विशेषज्ञ डॉ.प्रेमलाल साहू ने जल संरक्षण के लिए दलहन-तिलहन की फसल लेने और रबी फसल हेतु मिट्टी परीक्षण, डॉ.दीपिका चंद्रवंशी ने खरीफ फसल के बाद साग-सब्जियों की खेती करने की विधि समझाई। वहीं डॉ.मनीषा खापर्डे ने अतिरिक्त आमदनी और आजीविका सुरक्षा हेतु मछली और बत्तख पालन करने तथा उप संचालक कृषि श्री मोनेश साहू ने कृषि एवं उद्यानिकी के विद्यार्थियों की जिम्मेदारी और रावे कार्यक्रम सहित शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में बताया। इस अवसर पर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया।