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जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति हो मन कभी क्षोभ, लोभ में नहीं फंसना चहिये-परम पूज्य विशुद्ध सागर जी म.सा.

इतवारी बाजार स्थित पार्श्वनाथ जिनालय में परम पूज्य विशुद्ध सागर जी म.सा. ने अपने आज के प्रवचन में कहा कि हमें भूतकाल में नहीं जाना है न ही भविष्य की कल्पना में जीना है हमें तो बस वर्तमान में जीना है.ऐसे कार्य करना है जिसके माध्यम से हम आगे बढ़ सके.हमें चिंता में नहीं जीना है हमें अपना व्यक्तित्व को ऐसा बनाना हैं की दुनिया हमें याद रखे.हमें समता से आगे बढ़ना है.चाहे कितना भी दलदल हो हमें स्वयं का ध्यान करना है और आगे बढ़ना है.ज्ञानी भगवंत कहते है कि जीवन में चाहे कैसी भी परिस्थिति हो मन कभी क्षोभ लोभ में नहीं फंसना चहिये.हमारा जीवन सद्मार्ग मोक्ष मार्ग में ही आगे बढ़ना चाहिये.जब मन गम या दुःख से भर जाये तो याद करे की महापुरुष अपनी शक्ति और बल के दम पर कष्टों को हस्ते हस्ते सहन कर लेते हैं.उनके पदचिन्हो पर चले उन्हें नमन करे.मानव जीवन की बगिया में ऐसा सुगन्धित पुष्प खिलाये की मोह रूपी शत्रु हमेशा के लिए समाप्त हो जाये.हमें अपने जीवन को नयी दशा दिशा देना है.जब जब मन वेदना से भर जाये तब तब मन को वंदन से जोड़ने का प्रयास करे .वेदना के समय मन को वंदन से जोड़ ले तो मन पवित्र और निर्मल हो जायेगा.अपने जीवन में शांति का पुष्प खिलाकर महकाना है.जीवन का शांति का अनुभव करना है.

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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