महापौर व कांग्रेसी पार्षदों द्वारा लगाए गए आरोपो पर भाजपाईयों ने किया पलटवार
कहा महापौर अपनी नाकामी छुपाने भाजपा सरकार पर लगा रहे आरोप
धमतरी। महापौर विजय देवांगन के पांच वर्षो के कार्यकाल को पूरी तरह असफल बताते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि महापौर व कांग्रेसी पार्षदों को भाजपा सरकार पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में झांक लेना चाहिए। ज्ञात हो कि कुछ दिन पूर्व महापौर विजय देवांगन व कांग्रेसी पार्षदों द्वारा प्रेसवार्ता लेकर कई आरोप राज्य व केन्द्र की भाजपा सरकार पर लगाए थे। जिससे राजनीति गरमा गई है। अब भाजपाई भी आगे आकर महापौर व पार्षदों द्वारा लगाए गए आरोपो का जवाब दे रहे है।
भाजपा सबका साथ सबका विकास पर विश्वास करती है कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित है – नरेन्द्र रोहरा
महपौर व कांग्रेसी पार्षदों द्वारा प्रेसवार्ता लेकर लगाए गए आरोपो पर पलटवार करते हुए निगम नेता प्रतिपक्ष नरेन्द्र रोहरा ने कहा कांग्रेसी नेताओं को प्रधानमंत्री का धन्यवाद करना चाहिए जिनके कारण आवास योजना का लाभ अनेक गरीब परिवारों को मिला। लेकिन महापौर और कांग्रेस पार्षदों का गरीबों को आवास दिलाने में कोई रुचि नहीं रही। उन्होंने आगे कहा, बहुमंजिला आवासों के निर्माण की योजना वर्षों से रुकी हुई है, जिससे गरीब परिवार अब भी अपने घर के सपने को पूरा नहीं कर पाए हैं। भाजपा सबका साथ सबका विकास पर विश्वास करती है। लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित है।
पिछले 5 सालों में ऐसा एक भी काम नहीं हुआ जिसे महापौर अपनी उपलब्धि बता सकें – चेतन हिंदुजा
भाजपा जिला कोषाध्यक्ष चेतन हिंदुजा ने कहा कि पिछले 5 साल से शहर का विकास शून्य है। ऐसा एक भी काम नहीं हुआ है जिसे महापौर अपनी उपलब्धि बता कर जनता के सामने पेश कर सके। सड़क, नाली, भवन जैसे छोटे कार्यों को छोड़ दे तो कोई बड़ा काम इस 5 साल के कार्यकाल में नहीं हुआ है। पूर्व महापौर अर्चना चौबे के कार्यकाल के समय के कार्यों को तक पूरा कराने में महापौर नाकाम साबित हुए हैं। ऑडिटोरियम, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का काम श्रीमती चौबे के कार्यकाल में स्वीकृत हुआ था, 5 साल में वह काम पूरा नहीं हो पाया है। खराब सड़के और उसमें गड्ढे महापौर के कार्यकाल की बदसूरत निशानी नजर आती हैं।
महापौर के 5 सालो का कार्यकाल सिर्फ अनियमितताओ के नाम से जाना जाएगा – विजय मोटवानी
आमापारा वार्ड पार्षद व पूर्व भाजयुमों जिलाध्यक्ष विजय मोटवानी ने कहा कि शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। जगह-जगह कचरों का ढेर है। लोगों के द्वारा वर्षों से ट्रांसपोर्ट, नगर गोकुल नगर आदि की मांग की जा रही, जिसे पूरा करने में महापौर फेल हुए हैं। उनके 5 साल का यह कार्यकाल सिर्फ और सिर्फ अनियमितताओ के नाम से जाना जाएगा। महापौर निधि से हुए कामों में गुणवत्ता का अभाव स्पष्ट नजर आता है। महापौर निधि से खरीदे गए चेयर तक एक साल भी नहीं टिक पाए। महापौर के पास अपने 5 साल की उपलब्धि बताने के लिए कोई कार्य नहीं है, इसलिए उनके द्वारा भाजपा सरकार पर आरोप लगाकर अपनी नाकामी छुपाने का प्रयास किया जा रहा है।
अपने पांच साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड पेश करे महापौर – महेंद्र खंडेलवाल
भाजपा नेता व पूर्व आरटीओ मेम्बर महेंद्र खंडेलवाल ने कहा कि कांग्रेस के महापौर ने धमतरी शहर को विकास के मामले में पांच साल पीछे धकेल दिया क्योंकि इन पांच साल में शहर में विकास की चिडिय़ा कहीं नजर नहीं आती। सबसे शर्मनाक बात यह है कि सामान्य सभा की बैठक कराने में तक महापौर सफल नहीं हुए जबकि सामान्य सभा की बैठक में विकास के प्रस्तावों पर मुहर लगती है। विपक्ष के सवालों से बचने के लिए महापौर ने सामान्य सभा की बैठक न कर शहर विकास से समझौता कर लिया। सामान्य सभा के अभाव में न सिर्फ शहर विकास के कई प्रोजेक्ट अटके बल्कि सैकड़ो युवा जाति प्रमाण पत्र बनने का इंतजार करते रहे गए, विभिन्न पेंशन के प्रकरण भी अटक गए। धमतरी के विकास की चिंता करने की बजाए महापौर सिर्फ राज्य सरकार पर झूठे आरोप लगाने पर मशगूल है। कांग्रेस शासनकाल में गरीबों का पीएम आवास का काम रोका गया तब महापौर खामोश थे, अब घडिय़ाली आंसू बहा रहे है।
कांग्रेस सरकार की निष्क्रियता एवं अकर्मण्यता को छिपाने का नाकाम प्रयास कर रहे है महापौर – प्राची सोनी
पार्षद प्राची सोनी ने कहा अपने कार्यकाल में महापौर व उनकी टीम ने सिर्फ दिखावा किया है नगर विकास, निगम हित तथा जनहित के संबंध में एक भी उल्लेखनीय कार्य नहीं हुआ है। गोकुलधाम के नाम पर जनता को छला गया है, गोल बाजार की दुर्दशा और बिगड़ती गई, शहर की नालियां बजबजा रही है। महापौर शहर विकास के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर अपने कार्यकाल की उपलब्धियां को बताने के बजाए निष्क्रियता को छिपाकर चुनावी रोटी सेकने का मिथ्या प्रयास कर रहे हैं जनता सब देख रही है आने वाले चुनाव में दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। भूपेश सरकार के समय केंद्र सरकार के द्वारा पीएम आवास के लिए प्राप्त फंड दिए जाने के बावजूद राज्य सरकार ने पीएम आवास का काम रोक दिया था, लोगों को पीएम आवास के लिए भटकना पड़ता था।