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आधुनिक ज्ञान विज्ञान के साथ ही स्कूली बच्चे प्राचीन सांस्कृतिक ज्ञान और मूल्यों से भी हों परिचित – मुख्यमंत्री श्री साय

दिल्ली पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव अनुभव 2024 में हुए शामिल मुख्यमंत्री

धमतरी। उत्साह से भरे स्कूली बच्चों से जब भी मैं मिलता हूँ, मुझमें भी नई ऊर्जा का संचार हो जाता है। आप लोग छत्तीसगढ़ का भविष्य हैं। सभी बच्चे खूब पढ़ें और अपने संस्कार को कभी न छोड़ें। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धमतरी जिले के ग्राम सांकरा में डीपीएस स्कूल के वार्षिकोत्सव अनुभव 2024 में बच्चों को संबोधित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम में बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी मैं आप लोगों के बीच आता हूँ तो अपने स्कूली जीवन और अपने शिक्षकों को याद करता हूँ। मेरे शिक्षकों ने जो शिक्षा और संस्कार मुझे दिये, उसकी बदौलत मैं आज यहां खड़ा हूँ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बच्चे कच्ची मिट्टी के घड़े की तरह होते हैं, उनके शिक्षक और अभिभावक उन्हें आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हम लोगों ने समाज की भागीदारी से स्कूलों में न्योता भोज आरंभ किया है। इसमें लोग अपना जन्मदिन अब सरकारी स्कूलों में बच्चों के बीच मनाते हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2047 में विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमने विकसित छत्तीसगढ़ का विजन तैयार किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी डबल इंजन सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेटे और बेटियों को प्रदेश में ही बेहतर शिक्षा प्राप्त हो रही है। हमारी सरकार प्रयास स्कूल के माध्यम से आवासीय सुविधा उपलब्ध कराते हुए बच्चों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने वार्षिक उत्सव के दौरान बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना की तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर डीपीएस चेयरमेन धीरज अग्रवाल, डायरेक्टर डीपीएस किड्स निधि अग्रवाल, डायरेक्टर डीपीएस धमतरी हर्ष अग्रवाल, पिं्रसपल नीतिन कुमार शर्मा, प्रशासक शैलेष बाजपेयी डीपीएस स्कूल के शिक्षक एवं पालकगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आधुनिक ज्ञान विज्ञान के साथ ही प्राचीन सांस्कृतिक ज्ञान और मूल्यों पर भी दिया गया जोर
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में आधुनिक ज्ञान विज्ञान के साथ ही हमारे प्राचीन सांस्कृतिक ज्ञान और मूल्यों पर भी जोर दिया गया है। हमने प्राथमिक शिक्षा मातृ-भाषा में बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था की है। स्कूली बच्चों को समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में शिक्षा दी जा रही है। इसके साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और रोबोटिक्स के बारे में भी पढ़ा रहे हैं। इन सबका उद्देश्य यह है कि हमारे स्कूली बच्चे रामायण और महाभारत की कहानियां भी जाने और सूचना प्रौद्योगिकी में आ रहे नये बदलावों से भी परिचित हों। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए शिक्षा जरूरी है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है।
डीपीएस में पढ़ाई के साथ खेलकूद एवं अच्छे संस्कार को भी दी जाती है अहमियत – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 341 स्कूलों का चयन पीएमश्री स्कूल के रूप में किया गया है। यहां शिक्षा के लिए अच्छी अधोसंरचना तथा स्मार्ट क्लास की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्तर के सभी प्रमुख शैक्षणिक संस्थान संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मुझे यह जानकर खुशी हुई कि डीपीएस विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद को अहमियत दी जा रही है। यहां बच्चों को खेल एवं अच्छे संस्कार भी प्रदाय किए जा रहे हैं। उन्होंने बच्चों को यह संदेश दिया कि पढ़ाई के साथ खेलकूद तथा सह-शैक्षणिक गतिविधियां उनके समग्र विकास के लिए आवश्यक हैं।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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