पुराना कृषि उपज मंडी में दिव्य रामकथा सुनने उमड़ी रही श्रद्धालुओं की भीड
धमतरी । गुरु वही है जो मनुष्य को परमात्मा से जोड़ दे। जो व्यक्ति स्वयं में सुधार करे उसे हंस कहते है और जो स्वयं के साथ दूसरों के जीवन में सुधार कर सदगुणों के मार्ग पर चलाते है उसे परमहंस कहते है। उक्त बाते वृंदावन धाम से पहुंचे कथा व्यास अतुलकृष्ण भरद्वाज महाराज ने मां अंगारमोती गौधाम तुमाबुजुर्ग द्वारा पुराना कृषि उपज मंडी में आयोजित दिव्य राम कथा में कहीं। उन्होंने बताया कि मानव के शरीर में सात ऐसे दरवाजे है। दो कान, दो आंख, श्ताक, एक मुख जो इसका सदुपयोग करता है अर्थात कैसा देखना, क्या सुनना, क्या खाना, क्या सुंघना इस पर जो विचार करता है। वह परमहंस हो जाता है। रामनाम का अपना अलग ही महत्व है। इस कलियुग में केवल रामनाम ही आधार है। वही उन्होंने शिव प्रसंग पर बताया कि भगवान शिव सम्पूर्ण विश्व के गुरु है। मां पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव मानस जैसी गंगा की कथा सुनाई। भगवान शिव ने माता पार्वती से कहा कि आप ऐसी ज्ञान रुपी गंगा के विषय की कथा सुनाने कहा। जिसमें सम्पूर्ण विश्व का कल्याण संभव होगा। गंगा तो गंगोत्री से चलकर गंगा सागर तक कुछ क्षेत्रो में रह जाती है। और सम्पूर्ण मानव समाज को अपने क्षेत्र से चलकर गंगा में डुबकी लगाने हेतु आना पड़ता है। परंतु रामचरित मानस रुपी गंगा विश्व के प्रत्येकजनो तक स्वयं पहुंचेगी। दिव्य रामकथा श्रवण करने कथा स्थल में भक्तों की भीड़ जुट रही है। इस अवसर पर पूर्व विधायक हर्षद मेहता, युवा नेता आनंद पवार, पूर्व पालिकाध्यक्ष डा. एनपी गुप्ता, गोपाल शर्मा, राजेन्द्र लुंकड़, डिपेन्द्र साहू, विनोद रणसिंह, हेमलता शर्मा के अलावा आयोजन समिति के दीपक लखोटिया, सुबोध राठी, नरेन्द्र जायसवाल, हेमराज सोनी, चंद्रकला पटेल, बिथिका विश्वास, लक्षमण राव मगर, लक्ष्मीनारायण साहू, दिलीपराज सोनी, महेन्द्र खंडेलवाल, दिलीप पटेल, गजानंद साहू, ब्रजेश साहू, श्रद्धा कश्यप, अनिता सोनकर, रितिका यादव, नीता रणसिंह सहित बड़ी संख्या में अन्य भक्त मौजूद थे।