उठ रही मांग : जिस वर्ग का आरक्षण हुआ है उसी वर्ग के नेता को बनाया जाए प्रत्याशी
सामान्य वर्ग के आरक्षण पर सभी वर्ग के नेता लड़ सकते है चुनाव, लेकिन सामान्य वर्ग को प्राथमिकता देने की हो रही मांग
लोगो में है चर्चा सामान्य वर्ग को पार्टियां व अन्य वर्ग के दावेदारों द्वारा प्रयोगशाला बनाने का हो रहा प्रयास
धमतरी। नगरीय निकाय व त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव हेतु आरक्षण प्रक्रिया सम्पन्न हो चुकी है। जिसके पश्चात किस सीट से किस वर्ग का प्रत्याशी चुनाव लड़ सकता है यह स्पष्ट हो चुका है। चूंकि ऐसी व्यवस्था है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण पर सभी वर्ग के नेता चुनाव लड़ सकते है। जबकि सामान्य वर्ग सिर्फ सामान्य आरक्षण होने पर ही चुनाव लडऩे पात्र होते है। ऐसे में इस बार लोगो द्वारा मांग की जा रही है कि सामान्य वर्ग के आरक्षण वाले सीट पर सिर्फ सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को प्राथमिकता पार्टियों द्वारा दिया जाना चाहिए ताकि सामान्य वर्ग के हितों की रक्षा हो सकें।
ज्ञात हो कि धमतरी नगर निगम महापौर का पद सामान्य घोषित हुआ है। जबकि निगम के 40 वार्डो में से 20 वार्ड सामान्य वर्ग के लिए, 13 वार्ड ओबीसी, 7 वार्ड एसटी एससी वर्ग के लिए रिजर्व हुआ है। इसी प्रकार 13 जिला पंचायत में से 7 सीट सामान्य रिजर्व हुआ है। वही जिले के एक धमतरी नगर निगम व 5 नगर पंचायतों आमदी, मगरलोड, सिहावा, भखारा, नगरी, के कुल 115 वार्डो में से 60 सीट सामान्य रिजर्व हुआ है। बता दे कि गत चुनाव में कुल 115 वार्डो में 64 वर्ष अनारक्षित रिजर्व हुआ था। वहीं जिले में 4 जनपद पंचायत धमतरी, कुरुद, नगरी, मगरलोड है। जिसमें से जनपद पंचायत कुरुद सामान्य महिला वर्ग, व जनपद पंचायत मगरलोड सामान्य मुक्त रिजर्व हुआ।
जैसे ही आरक्षण प्रक्रिया पूरी हुई कई नेताओं के उम्मीदो पर फिर गया। ऐसे में चुनाव लडऩे इच्छुक नेता दूसरे वार्ड या क्षेत्र से जो सामान्य रिजर्व हुआ है उससे चुनाव लडऩे हेतु टिकट पाने जुटे हुए है। पूर्व में हुए चुनावो में भी कई वार्ड ऐसा होता रहा है कि जब सामान्य वर्ग की सीट पर एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के नेता भी चुनाव लड़ते रहे है। इस बार फिर ऐसी स्थित बन रही है। धमतरी महापौर सहित अन्य जो सीट सामान्य रिजर्व हुआ है। उसमें सामान्य के आलावा दूसरे वर्ग के नेता भी खुलकर दावेदारी कर रहे है। ऐसे में सामान्य वर्ग के नेता को इस बार फिर हक न मिलने की चिंता सता रही है।