गायत्री परिवार द्वारा आमदी स्कूल में किया गया एक युद्ध नशा के विरुद्ध कार्यक्रम का आयोजन

धमतरी। एक युद्ध नशा के विरुद्ध कार्यक्रम का आयोजन शासकीय उमावि आमदी में गायत्री परिवार द्वारा किया गया। जिसमें कहा गया कि अभिभावक बच्चों को स्कूल में शिक्षक द्वारा डांटने पीटने पर बुरा न माने, बल्कि यह बात समझे कि बच्चों की स्कूल में पिटाई अंत में पुलिस की पिटाई ठुकाई से अच्छी है। अनुशासन के लिए प्रसिद्ध स्कूलों में विद्यार्थियों के हेयर स्टाइल और उनकी चाल ढाल को लेकर चाहे कितने भी सख्ती की जाए, उनके व्यवहार में कोई सुधार दिखाई नहीं दे रहा है। शिक्षक निराश होकर केवल देखते रह जाते हैं। लेकिन कुछ नहीं कर पाते। यदि माता-पिता का बच्चों पर ध्यान और नियंत्रण कम हो जाए, तो वे इस प्रकार के व्यक्तित्व में तब्दील हो जाते हैं। बच्चों को स्कूल में डर नहीं है, घर लौटने पर भी डर नहीं है, इसीलिए समाज आज भयभीत हो रहा है। वही बच्चे आज गुंडे बनकर लोगों पर हमला कर रहे हैं। उनके व्यवहार से कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। उसके बाद वे पुलिस के हाथ लगते हैं और अदालत में सजा पाते हैं। गुरु का सम्मान न करने वाला समाज नष्ट हो जाता है यह सत्य है। पांचवी कक्षा से ही अजीब हेयर स्टाइल, कटे हुए जींस, दीवारों पर बैठना और आते-जाते लोगों का मजाक उड़ाने की आदत बन जाती है। कुछ माता-पिता तो यह तक कहते हैं कि हमारा बच्चा ना भी पढ़े तो कोई बात नहीं लेकिन शिक्षक उसे मारे नहीं। बच्चों के व्यवहार को सुधारने में शिक्षक मुख्य भूमिका निभाते हैं। कुछ शिक्षकों की गलती के कारण सभी शिक्षकों का अपमान ना करें। एक युद्ध नशा के विरुद्ध कार्यक्रम में गायत्री परिवार के प्रांतीय युवा प्रकोष्ठ कौशल प्रसाद साहू, हीरालाल साहू, प्राचार्य केके साहू, पूर्णिमा साहू, सीमा रानी भोसले, श्री नायर, सोनवानी, सुनीता नाग, गीतांजलि ध्रुव, श्वेता गजेंद्र, नमिता देवांगन, ज्योति ठाकुर, समीक्षा यादव आदि उपस्थित रहे।

