पाईप लाईन मरम्मत के बाद खोदे गये सड़को की मरम्मत करने रुचि नहीं दिखाती निगम
निकाले गये मिट्टी को वापस पाटकर कर ली जाती है इतिश्री, क्रांकीटीकरण, मजबूतीकरण पर नहीं दिया जाता ध्यान


धमतरी। पूरे शहर भर में कई किलोमीटर एरिया में घर-घर पानी पहुंचाने पाईप लाईन बिछाया गया है। इन पाईप लाईन में कई बार कई प्रकार की तकनीकी खराबी आ जाती है। जिनमें सुधार की की तत्काल आवश्यकता पड़ती है। आनन फानन में निगम कर्मचारियों या उनके ठेकेदार द्वारा सड़को को खोद कर पहले तो पाईप लाईन लीकेज या अन्य खामियों को खोजा जाता है। इसके बाद मरम्मत होती है फिर निकले मिट्टी में पुन: पाटकर निगम अपनी जिम्मेदारी पूरी मान लेता है।
शहर में आये दिन कंही न कंही पाईप लाईन में लिकेज या वाल्व में खराबी आती रहती है। लिकेज ढूंढने हेतु अंडर ग्राउंड पाईप तक पहुंचना पड़ता है। पाइप तक पहुंचने जमीन खोदना पड़ता है। लेकिन सुधार कार्य के बाद जमीन की मजबूतीकरण और समतलीकरण पर ध्यान नहीं दिया जाता है। जिसका खामियांजा आमजनता सालों तक भुगतती रहती है। नियमत: जल विभाग व लोकनिर्माण विभाग द्वारा इस ओर ध्यान देना चाहिए, लेकिन इस ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है। पूर्व में रत्नाबांधा रोड पर मरम्मत हेतु खोदे गये गड्ढे के बाद ऐसी ही स्थिति रही। सिहावा चौक के पास खोदे गये दोनो गड्ढे आज तक समतल नहीं हो पाये उल्टे दलदल में तब्दील हो गये है। जो कि हादसों को आमंत्रित कर रहा है। शहर में ऐसे कई स्थान है जहां मरम्मत हेतु खोदे गए गड्ढे को मिट्टी से पाटने के बाद आज तक सड़क का पुन: निर्माण नहीं किया गया है।
सिहावा चौक में हादसो को कर रहे आमंत्रित
बता दे कि सिहावा चौक में ट्रेैफिक सिंग्लन के पास टर्निंग पर पाइप लाईन में सुधार कार्य हेतु सड़क खोदा गया गया था मरम्मत के बाद सड़क को काम चलाउ पाटा गया है। जिससे सड़क समतल नहीं हो पाया और पहाडऩुमा स्थिति में आ गया है उक्त मार्ग से रोजाना हजारों छोटी-बड़ी वाहनों का आवागमन होता है रास्ता भी संकरा है, टर्निंग है ऐसे में हादसे की आशंका बनी हुई है वहीं सिहावा चौक के पास जहां बसे रुकती है वहां पर भी सुधार कार्य के बाद सड़क को सही तरह से पाटा नहीं गया है बारिश में यहां भी बसों के पहिये फंस जाते है।
ठेकेदार की होती है जिम्मेदारी, अधिकारी भी कर रहे अनदेखी
मिली जानकारी के अनुसार पाइप लाईन में लिकेज व अन्य मरम्मत कार्य निगम ठेकेदार के माध्यम से कराती है। मरम्मत के पश्चात सड़क को पहले की भांति क्रांकिटीकरण या डामरीकरण ठेकेदार को कराना होता है लेकिन अधिकांश मौके पर इस ओर ध्यान नहीं दिया जाता। ठेकेदार की लापरवाही को बल तब मिलता है जब निगम के जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं देते। जिसका खामियाजा आमजनता को भुगतना पड़ता है।
” नये पाइप लाईन बिछाने के बाद सड़क को सप्लाई शुरु होने के बाद चेक कर मजबूतीकरण किया जाता है लेकिन लीकेज मरम्मत के पश्चात सड़क को पाटकर क्रांकिटीकरण या डामरीकरण ठेकेदार को करना होता है। इस दिशा में ठेकेदार व अधिकारियों को निर्देशित करेंगे। ÓÓ
अखिलेश सोनकर
अध्यक्ष जल विभाग
नगर निगम धमतरी


