पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन की जगह कपड़े से बनी थैलियों का करें उपयोग-रामू रोहरा
पालीथीन क़े अनेक दुष्प्रभाव है इसलिए क्रे कम से कम उपयोग-प्रिया गोयल

एनएसएस राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरेंगा में आयोजित किया गया जिसमें शेषनारायण गजेंद्र कार्यक्रम अधिकारी राष्ट्रीय सेवा योजना , राजकुमारी यादव सरपंच ग्राम पंचायत सारंगपुरी, श्रीमती अनीता विद्या आचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खरेंगा की उपस्थिति में ग्रीन आर्मी अध्यक्ष जानकी गुप्ता के द्वारा प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को समझाते हुए विद्यार्थियों और ग्रामीणों को कपड़े का थैला का वितरण वरिष्ठ समाजसेवी प्रिया पंजवानी के सहयोग से किया गया, जानकी गुप्ता ने फैब्रिक थैला वितरित करते हुए कहा कि सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों और नीतियों का पालन करना और एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में प्लास्टिक बैग का उपयोग बंद करना हम सबकी जिम्मेदारी है, अभी तक लगभग विभिन्न चौक चौराहों एवं बाजारों में संस्था के द्वारा तीन हजार फैब्रिक थैला का वितरण किया जा चुका है.नगर निगम कमिश्नर श्रीमति प्रिया गोयल ने सराहनीय कार्य बताते हुए पॉलीथिन के गंभीर दुष्प्रभावों को देखते हुए, इसके उपयोग को कम करना, इसके स्थान पर कपड़े या जूट के थैलों जैसे विकल्पों को अपनाना और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। महापौर रामू रोहरा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलीथिन की जगह कपड़े से बनी थैलियों का उपयोग करने की अपील करते हुए कहा कि सिगल यूज प्लास्टिक सिर्फ इंसान और पर्यावरण के लिए ही नहीं पशुओं के लिए भी घातक है। सड़कों पर बिखरे प्लास्टिक को खाकर पशु बीमार हो जाते हैं। समुद्र में फैल रहे प्लास्टिक कचरे से जलीय जीव और मछलियां प्रभावित हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्लास्टिक का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा महासागरों में फैला हुआ है.
