छत्तीसगढ़ के लोक जीवन मे यहाँ के परंपरागत खेल रचे बसे हैं-तारिणी नीलम चन्द्राकर
मूलचंद सिन्हा
कुरुद। छत्तीसगढ़ के लोक जीवन में यहां के परंपरागत खेल रचे बसे हैं। यह हमारी संस्कृति की बहुमूल्य धरोहर है। पारंपरिक खेलों के व्यवस्थित आयोजन हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी विभिन्न स्तरों पर छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक का आयोजन विकासखंड स्तरीय छत्तीसगढिय़ाँ ओलंपिक खेल प्रतियोगता इंडोर स्टेडियम कुरुद में आयोजित किया गया। जिसके समापन के अवसर पर तारिणी नीलम चन्द्राकर सभापति जिला पंचायत धमतरी शिरकत कर गिल्ली डंडा खेलकर खेल का आनंद लिए एवं सभी गाँव से आए महिला बहनों ,बच्चों एवं युवाओं उत्साहवर्धन कर बधाई एवं शुभकामनाएँ दी। छत्तीसगढिय़ा ओलंपिक में दलीय श्रेणी में गिल्ली डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी एवम बांटी (कंचा) और एकल श्रेणी की खेल विधा में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लम्बी कूद, रस्सी कूद एवं कुश्ती का खेल खेला गया। छत्तीसगढिय़ा ओलम्पिक में तीन आयु वर्ग के प्रतिभागी भाग लिए।