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बिना नर्सिंग डिग्री के कुछ निजी अस्पतालों में नर्से मरीजों की कर रहे हैं देखरेख

ट्रेनिंग बिना नौसिखिए नर्स मरीजों को लगा रहे इंजेक्शन, स्लाइन व ग्लूकोज की ड्रिप

धमतरी। स्वास्थ्य व उपचार अत्यधिक सावधानी पूर्वक किया जाने वाला कार्य होता है। जरा सी लापरवाही व अज्ञानता मरीज की जान भी ले सकती है लेकिन जिले के कुछ निजी क्लीनिक व नर्सिंग होम में यह लापरवाही बरती जा रही है। इन अस्पतालों में नियम अनुसार ट्रेड या मान्यता प्राप्त डिग्रीधारी नर्सों के साथ ही कुछ बिना डिग्री व ट्रेनिंग के नौसिखए से भी सेवाएं ली जाती है जो कि मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। उल्लेखनीय है कि किसी भी निजी या शासकीय अस्पतालों में डाक्टरों द्वारा मरीजों का उपचार किया जाता है। जहां मरीजों का रिपोर्ट चार्ट तैयार किया जाता जिसमें डाक्टर द्वारा मरीज की स्थिति उनकी बीमारी उसका कारण और उपचार के संबध में जानकारी लिखते है और उसी के आधार पर निर्देशों का पालन कर नर्सो द्वारा भर्ती मरीजों की देखरेख की जाती है। समय-समय पर इंजेक्शन, दवाईयां दी जाती है। स्लाइन लगाया जाता है। ग्लूकोज आदि दवाईयों का ड्रिप चढ़ाया जाता है। वैसे तो यह सब उपचार के सामान्य कार्य है, लेकिन इसमें जरा सी लापरवाही हो जाये तो मरीज की जान भी जा सकती है। इसलिये सावधानी व जानकारी अत्यन्त आवश्यक है। इसलिये शासन द्वारा इन कार्यो के लिए ट्रेंड व मेडिकल व नर्सिंग से संबधित डिग्रीधारी को ही यह कार्य करने का अधिकार दिया गया है, लेकिन कुछ अस्पतालों में 8वीं, 10वीं पढ़े युवक-युवतियों से काम लिया जाता है।
सर्जिकल केसो में भी रहते है सहयोगी
कुछ मरीजों की सर्जरी अनिवार्य होती है। इसलिये डाक्टरों द्वारा सर्जरी की जाती है, चूंकि डाक्टर को सर्जरी के दौरान सहयोगी की आवश्यकता होती है। जो उसे सहयोग कर सकें। कुछ निजी अस्पतालों में सर्जरी के दौरान भी नौसीखिये या बिना वैद्य डिग्रीधारी युवक-युवतियों को सर्जरी के दौरान सहयोगी रखा जाता है। जिसे गंभीर लापरवाही मानी जा सकता है।
ये योग्यता है आवश्यक
किसी भी डाक्टर को सर्जरी केसो या गंभीर उपचार में सहयोग करने व अस्पतालों में नर्सिंग कार्य करने के लिये एएनएम, स्टाफ नर्स या बीएससी नर्सिंग का कोर्स अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त वार्ड ब्वाय या आया कार्य हेतु प्रशिक्षण व जानकारी होनी चाहिये लेकिन इन मापदण्डों का कुछ निजी अस्पतालों में पूरी तरह पालन नहीं किया जाता है। इसलिये स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर औचक निरीक्षण कर जांच करना आवश्यक है।

Ashish Kumar Jain

Editor In Chief Sankalp Bharat News

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