शुल्क वृद्धि के विरोध में एनएसयूआई ने शासकीय सुखराम नागे महाविद्यालय नगरी प्राचार्य को सौंपा ज्ञापन

शासकीय सुखराम नागे महाविद्यालय, नगरी में विद्यार्थियों की ओर से लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही थीं कि शैक्षणिक सत्र 2025–26 में महाविद्यालय द्वारा विभिन्न वर्गों के छात्रों से शुल्क में भारी वृद्धि की जा रही है, जो कि छात्रों के हित में उचित नहीं है।विद्यार्थियों की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल कॉलेज पहुँचा एवं प्रभारी प्राचार्य से इस विषय पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के दौरान यह सामने आया कि जनभागीदारी शुल्क को 500 से बढ़ाकर 600 किया गया है.अशासकीय शुल्क को 500 से बढ़ाकर 1100 तक कर दिया गया है।विगत सत्र की तुलना में सभी वर्गों के छात्रों से लिए जा रहे शुल्क में 300 से 600 तक की वृद्धि की गई है.प्रतिनिधिमंडल द्वारा स्पष्ट रूप से यह माँग की गई कि छात्रों पर आर्थिक बोझ न बढ़ाया जाए तथा सत्र 2024–25 में लागू शुल्क संरचना को ही पुनः लागू किया जाए। साथ ही एक लिखित ज्ञापन प्रभारी प्राचार्य को सौंपा गया।प्रभारी प्राचार्य ने एनएसयूआई के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए शुल्क में पुनः समीक्षा कर उचित संशोधन किया जाएगा।एनएसयूआई का यह स्पष्ट मत है कि शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी आर्थिक बाधा छात्रों की प्रगति में बाधक नहीं बननी चाहिए। यदि 48 घंटे के भीतर इस विषय पर उचित कार्रवाई नहीं की जाती है, तो एनएसयूआई चरणबद्ध आंदोलन के लिए बाध्य होगी।

